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इंदौर

हर जांच में फर्जी साबित हुआ कॉलेज, हम हर हाल में चाहते है ट्रांसफर

टैगोर कॉलेज के विद्यार्थियों ने लगाया दबाव बनाने का आरोप, कुलपति ने सोमवार को बुलाई डीन की बैठक

इंदौरFeb 13, 2020 / 07:25 pm

अभिषेक वर्मा

हर जांच में फर्जी साबित हुआ कॉलेज, हम हर हाल में चाहते है ट्रांसफर

हर जांच में फर्जी साबित हुआ कॉलेज, हम हर हाल में चाहते है ट्रांसफर

इंदौर.

टैगोर शिक्षा महाविद्यालय से बीएड करने वाले सैकड़ों विद्यार्थी महीनों से परेशान हो रहे है। कॉलेज प्रबंधन पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाने वाले विद्यार्थियों का कहना है कि अब उन पर परीक्षा फॉर्म जमा करने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है। कॉलेज से बार-बार फोन कर धमकाया जा रहा है कि फॉर्म जमा नहीं करने पर एडमिशन निरस्त हो जाएगा। कुलपति से विद्यार्थियों ने कहा कि यूनिवर्सिटी और शासन की हर जांच में कॉलेज का फर्जीवाड़ा उजागर हो चुका है इसलिए हम हर साल में ट्रांसफर चाहते है।
एक दर्जन से ज्यादा छात्र-छात्राएं विवेक सोनी और अभिनव हार्डिया के साथ प्रबंधन की शिकायत लेकर यूनिवर्सिटी पहुंचे। कुलपति प्रो.रेणु जैन से मिलकर टैगोर कॉलेज के खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्हें बताया गया कि कैसे टैगोर कॉलेज छात्रों को डराकर परीक्षा फॉर्म भरने के लिए बाध्य कर रहा है। छात्रों ने कुलपति से कहा कि हम ऐसे कॉलेज से परीक्षा नही देना चाहते जो पूर्ण रूप से फर्जी हो। छात्रों कहा कि 5 फरवरी को बीएड सेकंड सेमेस्टर का रिजल्ट जारी किया। इसमें सभी शिकायतकर्ता और प्रदर्शन करने वालों को एटीकैटी दे दी गई। इस मामले में कॉलेज में संपर्क किया तो हमें पुर्नमूल्यांकन के लिए 850 रुपए जमा कराने के लिए कहा गया। ये सुनकर डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्वल खरे ने हैरानी जताई और कहा कि यूनिवर्सिटी में ही पुर्नमूल्यांकन के 250 रुपए लिए जा रहे है। इससे ज्यादा राशि नहीं वसूली जा सकती। वे छात्रों से बोले कि आप लोग कॉलेज जाकर फीस पता करो। 250 रुपए से ज्यादा मांगे जाते है तो यूनिवर्सिटी कार्रवाई करेगी।
15 दिन में मांगा था जवाब, तीन सप्ताह बाद भी नहीं किया संपर्क

छात्रों ने डीएवीवी से जारी नोटिस का जवाब पेश नहीं करने के मामले में भी कॉलेज पर एकतरफा कार्रवाई करने की मांग की। विवेक सोनी ने कहा कि कॉलेज यूनिवर्सिटी के नोटिस को भी गंभीरता से नहीं ले रहा है। 15 दिन में जवाब देना था मगर तीन सप्ताह बीतने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। इस पर कुलपति ने कॉलेज फोन लगाया और डायरेक्टर संजय पारीख से कहा कि वे यूनिवर्सिटी आकर मुलाकात करें। पारीख ने निजी कारणों का हवाला देकर यूनिवर्सिटी आने से इंकार किया और अपनी जगह प्रतिनिधी भेजने की बात कही। कुलपति ने छात्रों को कहा कि सोमवार को डीन की बैठक बुलाई गई है। इसमें उचित कार्रवाई का फैसला लिया जाएगा।
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