कल दोपहर में दीनदयाल भवन में भाजपा कोर कमेटी, पदाधिकारी और मंडल अध्यक्षों की बैठक बुलाई गई थी। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को विशेष तौर पर बुलाया गया था, लेकिन वे बैठक के बाद पहुंची, जब सब चले गए थे। नगर अध्यक्ष गोपी नेमा के साथ चर्चा कर रही थीं कि दो महिला कार्यकर्ता आ गईं। कहना था कि संजय सेतु से कृष्णपुरा छत्री के बीच वर्षों से हमारे जैसे बहुत सारे छोटे व्यापारी राखी की दुकानें लगाते हैं।
इस बार क्षेत्रीय कांग्रेसी पार्षद के दबाव में नगर निगम दुकानें लगाने नहीं दे रही है। हमने राखियां खरीद कर रख ली हैं। दुकानें नहीं लगी तो हम बर्बाद हो जाएंगे। ताई ने पूछा क्या दिक्कत आ रही है? महिलाओं का कहना था कि हर साल दुकानें लगती हैं और निगम को पैसा जमा करा देते हैं, लेकिन पार्षद टेंडर की बात कर रहे हैं। धीरे-धीरे समय निकलता जा रहा है।
महापौर का नाम सुन भड़कीं कार्यकर्ता
ताई का कहना था कि महापौर से बात करो। ये सुनकर महिलाएं भड़क गईं। कहा, ताई हम तो उनसे मिलने के लिए सुबह १० से १ बजे तक बैठे रहे। वे आईं और कार में बैठकर चल दीं। सालों से हम पार्टी का काम कर रहे हैं, उनके पास तो हमारे नमस्कार का जवाब देने की फुर्सत नहीं है, समस्या सुनना तो दूर की बात है।
कोर कमेटी में रखो मुद्दा
इस पर ताई ने नेमा को निर्देश दिए कि वे बात करके समस्या का हल निकालें। ये तो हमारी कार्यकर्ता हैं, ऐसे कई गरीब छोटे व्यापारी होंगे जो परेशान होंगे। ताई का यहां तक कहना था कि ऐसे मुद्दे आएं तो अब उन्हें कोर कमेटी के सामने रखें, ताकि हम बात कर सकें। अगर अफसर नहीं सुन रहे हैं, तो हम सड़क पर लड़ाई लड़ें।
महाजन ने सुना दिया एक किस्सा
चर्चा के दौरान ताई ने एक किस्सा सुनाया। कहना था कि एक अल्पसंख्यक वर्ग का कार्यकर्ता मेरे पास आया था और कांग्रेस नेता शेख अलीम की शिकायत कर रहा था। कहना था कि अलीम उसे परेशान कर रहे हैं। कुआं भरवाकर मकान बना लिया है। इस पर मैंने सीधे अलीम को फोन लगाकर कहा- बात करनी है, मिलने आना।
वह आया भी और घटनाक्रम की सच्चाई भी बताई। साफ कहा कि जो आपसे शिकायत कर रहा है, वह भाजपा नहीं, कांग्रेस का ही कार्यकर्ता है, जो झूठ बोलकर आपसे शिकायत कर रहा है। उसने सारे दस्तावेज दिखाकर सच्चाई सामने रख दी। दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। मेरा कहना है कि कोई भी हो, हमको सबसे बात करना चाहिए।