पत्र में उन्होंने महापौर गौड़ का उदाहरण देते हुए पूरे प्रदेश के लिए ऐसा नियम और कानून बनाने की मांग रखी है, ताकि एक व्यक्ति के पास एक ही पद रहे और दूसरे लोगों को काम करने का मौका मिले। दरअसल, मालिनी के महापौर के साथ विधायक के पद पर रहने को लेकर एडव्होकेट मनोहर दलाल ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन वह खारिज हो गई।
इधर, अर्चना ने कहा कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के साथ उनसे इस मुद्दे को लेकर व्यक्तिगत मुलाकात भी करंेगीं। उन्होंने मालिनी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें स्व-विवेक से निर्णय लेकर महापौर या फिर विधायक में से एक पद छोड़ देना चाहिए। इस तरह लोकतंत्र का मजाक नहीं बनाना चाहिए। भाजपा में लोगों की कमी नहीं है, जिसके चलते वे दो पद लेकर बैठी हैं और दोनों पद पर रहते उन्होंने इंदौर को कितना निहाल कर दिया? महापौर और विधायक रहने के साथ अब सांसदी भी इनको ही दे देनी चाहिए? एक ही व्यक्ति को सारे लाभ न मिलें, इसके लिए पूरे प्रदेश में एक व्यक्ति एक पद का नियम लाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि मालिनी ने दोनों में से एक ही पद का लाभ लेने की जो बात कही है, उसका खुलासा करने के लिए लोक सूचना में जानकारी मांगी गई है।