विधानसभा चुनाव में एक नंबर से पहले गोलू की पत्नी प्रीति अग्निहोत्री को टिकट दे दिया गया था। संजय शुक्ला ने निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी। शुक्ला के विरोध पर पार्टी ने प्रीति का टिकट काटकर उन्हें दे दिया। इसके बाद गोलू ने प्रीति के निर्दलीय चुनाव लडऩे के लिए नामांकन दाखिल करवा दिया। बड़े नेताओं की समझाइश पर गोलू ने नामांकन तो वापस ले लिया, लेकिन चुनाव में शुक्ला का साथ नहीं दिया। इससे दोनों के बीच खटास आ गई।
शुक्ला का कहना है कि गोलू ने उनके चुनाव में खुलकर विरोध किया और जनसंपर्क के दौरान अपने वार्ड में आने तक नहीं दिया था, अपने घर के दरवाजे बंद कर दिए। जिसने पार्टी और प्रत्याशी दोनों के खिलाफ बगावत की, अब निमंत्रण कार्ड में उसका नाम डाल दिया। दो और चार नंबर विधानसभा को छोड़कर अन्य सभी में सबके सिंगल नाम हैं, तो एक नंबर में गोलू का नाम क्यों डाला गया? मुझे मान-सम्मान नहीं दे रहे हैं? इसलिए कार्यालय उद्घाटन का बहिष्कार किया है।