पार्टी कार्यालय में पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं की आवाजाही कम हो गई। किसी से ज्यादा व्यवहार नहीं रखते। कार्यकर्ताओं की समस्या नहीं सुनते। शुरुआती दौर में सिर्फ चार नंबर को तवज्जो दी, अब दो नंबर के अलावा किसी की नहीं सुनते। मोबाइल बहुत कम उठाते हैं।
शर्मा बेवजह घुसे यज्ञ में : नीमा
यज्ञ से शर्मा को लेना-देना नहीं था। वे बेवजह ही इसमें घुसे थे। उसके बाद लगातार वे अभद्रता कर रहे थे। हम किसी संत का अपमान नहीं करते। मेरे नंदकुमारसिंह चौहान से बरसों पुराने संबंध हैं। उन्होंने खुद शर्मा का व्यवहार देखा है। किस तरह से वे व उनके समर्थक भी प्रदेश अध्यक्ष के सामने गुंडों के समान ही व्यवहार कर रहे थे। ये तरीका गलत है।
हेमंत नीमा, उद्योगपति और भाजपा नेता
यज्ञस्थल पर संतों का अपमान किया गया। मैं संतों का अपमान होते नहीं देख सकता। इसलिए उन्हें समझाया था। वैसे भी नीमा का व्यवहार किस तरह का रहता है ये सभी जानते हैं।
कैलाश शर्मा, भाजपा नगर अध्यक्ष
मेरे विधानसभा में विधायक आपके द्वार चल रहा है, इसलिए मैं तो वहां नहीं गया था, लेकिन घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पार्टी की छवि खराब होती है। सभी को पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में अपनी जवाबदारी का अहसास होना चाहिए।
सुदर्शन गुप्ता, विधायक एवं पूर्व अध्यक्ष, नगर भाजपा
मैं वहां मौजूद नहीं था। लेकिन ये नहीं समझ पा रहा हूं, जब प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में नगराध्यक्ष के साथ बदतमीजी कैसे हो सकती है।पद पर रहने वाले को संयम की ज्यादा जरूरत होती है। दोनों को बैठकर मामला निपटाना चाहिए।
महेंद्र हार्डिया, विधायक और पूर्व अध्यक्ष