उज्जैन/देवास/मंदसौर/नीमच. कोरोना का संक्रमण शनिवार को उज्जैन जिले के लिए चौंकाने वाला रहा। एक ही दिन में सबसे ज्यादा 33 संक्रमित सामने आ गए। वहीं, नीमच और देवास में भी एक-एक कोरोना संक्रमित मिला है, जबकि मंदसौर में 2 प्रजेंटिव संक्रमितों के साथ आंकड़ा 60 पर पहुंच गया है। रात तक जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, उज्जैन जिले में शनिवार को एक ही दिन में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित सामने आए हैं। 33 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। अब उज्जैन में कुल 329 कोरोना संक्रमित हो गए है। वहीं, अब तक 47 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। नीमच कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे ने बताया कि शनिवार की रात को आई रिपोर्ट में एक नया मामला और सामने आया है, एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई है। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है, वह कंटेनमेंट क्षेत्र घंटाघर से है। जिले में अब संक्रमितों की संख्या 51 हो गई है। मंदसौर में भी रात को प्राप्त हेल्थ बुलेटिन में दो प्रजेंटिव पॉजिटिव केस दर्शाए गए हैं, जिले में अब कुल संक्रमितों का आंकड़ा 60 हो गया है। उधर, देवास में शनिवार की शाम को जारी हेल्थ बुलेटिन में एक कोरोना संक्रमित की पुष्टि की गई है। अब जिले में 57 कोरोना संक्रमित हो गए है, हालांकि इनमें से 21 ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिए गए है। वहीं, जिले में कोरोना से अब तक 7 मौत हो चुकी है।
खंडवा में तीन संदिग्ध मरीजों की मौत
खंडवा. जिला अस्पताल के सारी (प्री-आयसोलेशन) वार्ड में शुक्रवार की रात तीन मरीजों की मौत हो गई। तीनों मरीज कोरोना संदिग्ध होने से सारी वार्ड में भर्ती कराए गए थे। इन मौतों को स्वास्थ्य विभाग शनिवार रात तक छुपाता रहा। यहां तक कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए हेल्थ बुलेटिन में भी इसका कोई जिक्र नहीं किया गया। अब सारी वार्ड में मरने वालों का आंकड़ा बढक़र 21 हो गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीनों मृतकों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए है।
जब तीनों मरीजों को अस्पताल लाया गया, तब तीनों की हालत गंभीर थी। जिसके कारण इनके इलाज के लिए पूरा समय नहीं मिल पाया था। शुक्रवार रात को अलग-अलग समय में तीनों मरीजों की मौत हुई है।
-डॉ. हिमांशु माथुर, सारी वार्ड प्रभारी
बड़वानी : 26 हजार मजदूरों के बसों से घर भेजा
बिजासनघाट/बड़वानी. घरों की ओर लौट रहे मजदूरों का बड़वानी की बिजासनघाट सीमा चौकी पर कई दिन से जमावड़ा है। कंधों पर गृहस्थी और भूख-प्यास के बीच कोई इन प्रवासियों से इनसे पूछे पलायन का दर्द क्या होता है। पांच दिन में करीब 26 हजार मजदूरों को बसों से उनके घर भेजा जा चुका है। इससे कहीं ज्यादा लोग ट्रक, लोडर, साइकिल व पैदल रवाना हुए हैं। इधर, बड़वानी में आयशर की ट्रक से टक्कर हो जाने से एक मजदूर की मौत हुई।