इंदौर में कोरोना वायरस को देखते हुए २४ मार्च से कफ्र्यू लगा हुआ है। आम जनता परेशान न हो इसके लिए किराना, सब्जी और फल जैसी सामग्री के लिए घर पर ही व्यवस्था कर दी है। इसके बावजूद कोरोना कंट्रोल में नहीं आ रहा। नियमित ७०-८० पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। दूर-दूर तक अंत नजर नहीं आ रहा है। पुरानी परंपरागत कॉलोनियों व बस्तियों से मरीज कम हो गए तो नई जगहों पर कोरोना की एंट्री हो गई है।
इसके बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं हैं। शहर का ट्रैफिक लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकारी कार्यालय, बैंक जाने वालों के साथ दवा व्यापारी तो सुबह अपनी दुकान पर पहुंच जाते हैं और शाम को लौटते हैं। ऐसे ही दूध और सब्जी का कामकाज करने वालों का टाइम-टेबल है। इनके अलावा दिन में बड़ी संख्या में लोग दो और चार पहिया वाहनों से निकल रहे हैं।
इसमें महिलाओं की संख्या भी चौंकाने वाली है। वे हर दूसरी गाड़ी चलाती नजर आ रही हैं। वहीं पुरुष स्कूटर के पीछे और कार में साइड में बैठे नजर आते हैं। इसके पीछे की वजह ये है कि पुरुष के गाड़ी चलाने पर पुलिस रोककर जरूर पूछ लेती है, लेकिन महिलाओं को जाने दिया जाता है। माना जाता है कि आवश्यक काम से निकली होंगीं। इस वजह से बड़ी संख्या में महिलाएं कार में नजर आ रही हैं।
सुबह से है ट्रैफिक
रिंग रोड पर सुबह से रोज वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाती है, जबकि हाल ही में कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्त आदेश जारी कर दिए। साफ कर दिया कि पासधारक भी शाम ७ बजे से सुबह ७ बजे तक सड़क पर नहंीं घूमेगा। इसमें सिर्फ सरकारी कर्मचारी, मेडिकल व पेरा मेडिकल स्टाफ और मीडिया को छूट दी गई। इसके बावजूद सुबह ६ बजे से बड़ी संख्या में वाहन नजर आ रहे हैं।