अनुमान है कि 20 मई से 15 जून के बीच कोविड-19 वायरस सर्वाधिक असर दिखाएगा। इस दौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी खासा इजाफा होगा। इसके बाद सितंबर और अक्टूबर के बीच एक और दौर आएगा, जब संक्रमण का असर ज्यादा दिखाई देगा।
माना जा रहा है कि देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही मध्य प्रदेश में भी कोरोना के पॉजिटिव केस बढ़ेंगे। इस पूरे मामले में डब्ल्यूएचओ के अधिकारी बताते हैं कि राहत की बात यह रहेगी कि मध्य प्रदेश का रिकवरी रेट अन्य राज्यों की तुलना में ठीक है। मई के दूसरे पखवाड़े से लेकर जून के पहले पखवाड़े तक कोरोना के मरीज बढ़ने के मोटे तौर पर दो कारण सामने आ रहे हैं।
इनमें पहला कारण तो यह है कि मध्यप्रदेश में कोविड-19 विषाणु का रिप्रोडक्शन रेट 1.7 से लेकर 1.9 है। यानी एक संक्रमित व्यक्ति औसत रूप से अपने संपर्क में आए 1.9 तक लोगों को संक्रमित कर सकता है। अच्छी बात यह है कि यह दर देश के औसत रेट करीब 2.0 से कम है।