मामला पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के नंदलालपुरा कार्यालय से लगे मकान का है। यहां पर दिनेश दिन्नीकर की १२ दिन से तबीयत खराब थी। इस बीच में स्वास्थ्य विभाग का सर्वे दल भी आया था। पूछताछ में पत्नी ने पति की तबीयत खराब होने की जानकारी दी थी। दल कुछ दवाइयां देकर रवाना हो गया। साथ में संदेश भी दिया था कि इससे फर्क नहीं पड़ता है तो सूचना देकर जांच कराई जाए। दवा का असर नहीं हुआ और पत्नी घरेलू इलाज करती रही। यहां तक कि कफ्र्यू में एक मंदिर से पानी (दवा) भी लेकर आई।
दिनेश की तबीयत ज्यादा खराब होने की जानकारी जब आसपास के रहवासियों को लगी तो सभी सतर्क हो गए। भाजपा नेता दीपेश पचौरी ने सीएसपी को फोन लगाकर घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने संजय सेतु पर बैठी स्वास्थ्य विभाग की टीम से जांच कराने व येलो अस्पताल ले जाने की बात कही। जब जांच नहीं कराई गई तो रहवासियों ने 104, 108 और 181 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक से मदद मांगी।
सुबह 8 बजे निगम की टीम पहुंची तो उन्हें जानकारी दी गई। दोपहर १ बजे स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। नर्स को रोकने का प्रयास किया, लेकिन जबर्दस्ती जांच करने पहुंची। स्थिति को देखते हुए एम्बुलेंस बुलाई गई और अस्पताल ले जाया गया। जहां पर दोपहर २.३० बजे दिनेश की मौत हो गई। बताया जाता है कि दिनेश का सैंपल लिया गया है, जिसके बाद कोरोना था या नहीं इसकी पुष्टि होगी।
बेटा अंतिम संस्कार में नहीं हो सका शामिल अस्पताल से शव को सीधे मुक्तिधाम ले जाया गया। अंतिम संस्कार में देवास में रहने वाला बेटा शामिल नहीं हो सका। बाद में पत्नी को भी घर छोड़ा गया। एमजी रोड पुलिस बाद में घर पहुंची व महिला का नाम-पता लेकर ले गई। साथ में निर्देश दिए कि वे बाहर नहीं निकलें। वहीं पड़ोसियों को भी घर में ही रहने की हिदायत दी गई।