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इंदौर

हाल-ए- नगर निगम : पैसा न मिले तो अटका देते हैं नक्शा

बीओ-बीआइ की पेंडेंसी को लेकर समीक्षा होती न कार्रवाई, उठा सवाल- बिल्डिंग परमिशन में हो रहे भ्रष्टाचार से कैसे बचेगी आम जनता?

इंदौरAug 08, 2018 / 11:38 am

Uttam Rathore

indore nagar nigam

हाल-ए- नगर निगम : पैसा न मिले तो अटका देते हैं नक्शा

इंदौर.
नगर निगम के बेलदार असलम खान के पास करोड़ों की संपत्ति मिलने के बाद बिल्डिंग परमिशन विभाग सवालों के घेरे में आ गया है। बताया जाता है कि यहां नक्शा पास करने के बदले पैसा लिया जाता है। पैसा न देने पर नक्शा अटका दिया जाता है या कैंसल कर दिया जाता है।
बिल्डिंग परमिशन शाखा में बीओ, बीआइ के कंसोल में कितने केस पेंडिंग हैं और क्यों पड़े हैं, इसकी कभी समीक्षा होती है न बेवजह नक्शे अटकाने वाले बीओ-बीआइ पर कार्रवाई। कई बीओ-बीआइ कई दिनों तक अपना कंसोल तक खोलकर नहीं देखते। अगर देखते भी हैं, तो उन लोगों के लिए, जो नक्शा पास कराने के लिए पैसा देते हैं। इनकी मनमानी और गलत नक्शे को रोकने के लिए पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे के कार्यकाल में ऑनलाइन नक्शा मंजूर करने की व्यवस्था लागू की गई, लेकिन दलालों ने यह व्यवस्था भी फेल कर दी। ऑनलाइन नक्शा व्यवस्था संभालने वाली ऑटो डीसीआर सेल के कर्ताधर्ता भी नियम-कायदे और छोटी-छोटी गलतियां सुधारने के लिए नक्शे को पुणे भेजने के नाम पर लोगों को परेशान करने लगे। गलती सुधारने में एक-दो दिन नहीं, बल्कि ८ से १० दिन लग जाते हंै। पूरा सिस्टम इंदौर में होना चाहिए, लेकिन कंपनी सारा कामकाज पुणे से करती है।
असलम के मददगारों पर नकेल नहीं
असलम को अपनी सल्तनत चलाने में मदद करने वाले बीओ-बीआइ पर अब तक नकेल नहीं कसी गई। असलम खान के लोकायुक्त के चंगुल में फंसने के बाद निगमायुक्त आशीष सिंह ने बिल्डिंग परमिशन की सर्जरी की, जिसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हंै। असलम के खास माने जाने वाले बीओ-बीआइ को एक बार फिर मैदान में रहकर मलाई खाने का काम सौंप दिया गया है। सर्जरी के नाम पर केवल मुख्य नगर निवेशक विष्णु खरे को भवन अनुज्ञा शाखा से हटाने का फैसला लिया है, तो उनके स्थान पर किसी को बैठाने का फैसला भी नहीं लिया जा सका।
पांच इंजीनियरों के हवाले पूरा शहर
आयुक्त सिंह द्वारा किए गए फेरबदल में शहर के सभी 19 जोनल कार्यालयों के बिल्डिंग अफसर के रूप में काम करने के लिए 5 इंजीनियरों को अधिकृत कर दिया गया है। इसमें सुधीर गुलवे, असीत खरे, पीएस कुशवाह, दौलत सिंह गुंडिया और अश्विन जनवदे शामिल हंै।
गोयल हो गए बाहर
पूर्व आयुक्तमनीष सिंह द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान शहर के सबसे ज्यादा जोनल कार्यालयों में भवन अधिकारी पद की जिम्मेदारी कार्यपालन यंत्री ओपी गोयल को सौंपी गई। इन्हें 8 जोन की जिम्मेदारी बीओ के नाते दी गई। इनके कामों को लेकर पिछले दिनों टीएल बैठक और निगम परिषद की बैठक में सवाल उठे। इसके चलते आयुक्त सिंह ने इन्हें सभी जोनों से हटाकर बिल्डिंग परमिशन से बाहर कर दिया है।
दो दर्जन के करीब बैंक अकाउंट
असलम खान के दो प्रमुख बैंकों एसबीआई और एक्सिस बैंक में अब तक डेढ़ दर्जन खातों का पता चल चुका है, जिनकी जांच कल लोकायुक्त पुलिस ने की थी। इनमें से कई खातों में एक-दो लाख से लेकर नौ लाख तक की जमा और निकासी एक बार में हुई है, जबकि खाते सेविंग हैं। लोकायुक्त इन खातों की पूरी डिटेल निकलवा रही है कि कब कितने पैसे जमा हुए, कितने दूसरे खातों में ट्रांसफर हुए और कितने निकाले गए। इसके अलावा इसकी तीन फर्मों के बैंक खाते, भाइयों और मां के खातों की जानकारी भी निकाली जाएगी। जांच में यह सामने आ रहा है कि असलम खान के भाई भले ही रहते अलग हैं, लेकिन परिवार संयुक्त ही है। बैंक खातों में आपसी ट्रांजेक्शन खूब हुआ है। इसके अलावा उसके पैन कार्ड और इनकम टैक्स विभाग से फर्म की आइटी रिटर्न आदि की भी जानकारी निकलवाई जा रही है।

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