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छात्र को कॉलेज से बाहर करने का नोटिस, हाई कोर्ट ने दिए ये आदेश बुधवार को जस्टिस वंदना कसरेकर की बेंच ने एडवोकेट अमरसिंह राठौर के माध्यम से दायर याचिका में बहस के बाद कोर्ट ने सभी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जमानत मिलने वालों में पार्षद अंसाफ अंसारी उनके भाई इम्तियाज अहमद, अनवर अंसारी, असफाक अंसारी, अलताफ अंसारी व अन्य शामिल है। प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी कोर्ट ने पांच साल पहले इन सभी को 10 अक्टूबर 2006 को गुलरेज के यहां बलवा और घर में घुसकर मारपीट करने के आरोप में छह माह सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। दोषियों ने इसके खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी। 19 सितंबर 2019 को सेशन कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए सभी को जेल भेज दिया था। इस पर हाई कोर्ट में यह जमानत याचिका दायर की गई थी।
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हनीट्रैप मामले में तीन आरोपियों की जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज खुद भी लगा सकते हैं ऐसी चोट अंसाफ की ओर से अधिवक्ता अमरसिंह राठौर ने जमानत अर्जी हाई कोर्ट में दायर की थी। याचिका में उल्लेख किया कि शिकायतकर्ता मुन्ना को जो चोट लगी होना बताया गया था उस पर डॉक्टर्स ने रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट में लिखा था कि जिस तरह की चोंट उन्हें लगी थी वैसी वह खुद भी अपने शरीर पर लगा सकते हैं। आरोपियों की पिटाई से चोट लगी ऐसा जरूरी नहीं है। लिहाजा उन्हें जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए। पार्षद सहित उनके चार भाई व परिजन को एक साथ जेल भेजा गया था।