पलासिया थाने में दर्ज केस में रिमांड खत्म कर जेल भेजने के जैसे ही आदेश हुए कनाडिय़ा थाना पुलिस ने कोर्ट से ही उसकी गिरफ्तारी ली और रिमांड के लिए आवेदन कर दिया। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राकेश कुमार कुशवाह की
कोर्ट में हुई सुनवाई की लाइव रिपोर्ट… बॉबी के वकील : हमारे मुवक्कील की तबीयत खराब है। थाने में छोटी-छोटी कोठरी में रखा जाता है तो उसे घबराहट होती है। उसके खराब स्वास्थ के चलते यदि कुछ सुविधा मिल जाएगी तो राहत मिलेगी। हमने जरूरतों से जुड़ा आवेदन भी पेश किया है।
बॉबी : साहब मैं हार्ट पेशेंट हूं और मुझे स्टेंट डले हुए हैं। छोठी कोठरी में रखने पर घबराहट होने लगती है। यदि पूछताछ के दौरान मुझे जरूरत पडऩे पर कुछ देर टहलने की इजाजत मिल जाएगी तो बेहतर होगा?
कोर्ट : अरे बीमार हो तो क्या एसी रूम में रुकने की इजाजत दे दें? आरोपी हो अन्य आरोपियों की तरह ही रहना होगा। पुलिस को यह कह सकते हैं कि तुम्हारी दवाएं एवं अन्य सुविधा समय से मिलते रहे। ऐसा कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है। बीमारी को लेकर जो जरूरी सुविधाएं हैं वह पुलिस दे देगी।
बॉबी के वकील : सर बीमारी के चलते इन्हें खाने को लेकर कुछ जरूरी वस्तुएं लगती हैं? कोर्ट : तो क्या सायाजी से तुम्हारे लिए खाना मंगवा दिया जाए। थाने की जो व्यवस्ता है उसी हिसाब से खाना मिलेगा, अतिरिक्त कोई सुविधा नहीं मिलेगी।
बॉबी : साहब मुझे कुछ अतिरिक्त सुविधा नहीं चाहिए, बस कई बार घबराहट होती तो टहलने की इजाजत मिल जाए। कोर्ट : पुलिस को निर्देशित करते हुए, जरूरत के मुताबिक रियायत दें, लेकिन ऐसा न हो कि एक दिन में आरोपी १८-१८ घंटे तक टहलता ही रहे।
कोर्ट : पुलिस को रिमांड क्यों और कितने दिन का चाहिए। टीआई : साहब सात दिन के रिमांड की जरूरत है। करीब 40 साल पुरानी सेंट्रल गर्वमेंट कर्मचारी गृह निर्माण संस्था के सदस्यों के साथ धोखाधड़ी की गई है। डमी नाम से संस्था चलाई गई और एक ही प्लॉट को कई बार बेचा गया है। बिना चुनाव कराए डमी नाम से घोटाला किया गया है।
कोर्ट : अरे तो सात दिन तक क्या पूछताछ करोगे? टीआई: कुछ दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। आरोपी का मोबाइल अब तक जब्त नहीं किया गया है, जिससे उसने अन्य आरोपियों से चर्चा की है। आरोपी के करीबी के घर से संस्था के दस्तावेज मिले हैं। इसलिए सात दिन तो रिमांड की जरूरत होगी है।
करीब 10 मिनट सुनवाई के कुछ देर बार कोर्ट ने 6 दिन के पुलिस रिमांड के आदेश दिए। बॉबी के वकिल अमित त्रिपाठी ने कहा रिमांड के लिए हमने फिलहाल कोर्ट में कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।