मांग की गई है कि जल्द से जल्द काम पूरा कर कैदियों को वहां शिफ्ट किया जाए। 2002 में जेल का काम शुरू हुआ था लेकिन अलग-अलग कारणों से काम अटकता रहा और 17 साल में भी काम अधूरा है। 2000 कैदियों की क्षमतावाली इस नई जेल में अंडा सेल और आईसोलेशन सेल जैसा अति सुरक्षित कारागार बनाने की योजना हैा। मंदबुद्धि, विकलांग और थर्डजेंडर कैदियों के बैरक भी डिजाइन किए जाएंगे। कुल 52 एकड़ क्षेत्र में जेल बनना है। बाउंड्रीवाल सहित २१ स्टॉफ क्वाटर, जेल का बंगला और दफ्तर बनाया जा चुका है।