क्राइम ब्रांच में डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, दो एएसपी, दो टीआइ के साथ एक बड़ी टीम साइबर सेल के नाम से काम कर रही है। तकनीकी उपकरण भी दिए है। क्राइम ब्रांच में साइबर अपराध की एक साल में करीब 1250 शिकायत आती है, 60 प्रतिशत में कोई हल नहीं निकला। पुलिस कुछ मामलों में पैसा वापस दिलवा देती है लेकिन एक भी केस में आरोपी अब तक हाथ नहीं लगे है। कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र तर्क है, साइबर अपराध पर पुलिस गंभीर है। पीडि़तों की हर संभव सहायता व आरोपी पकडऩे के प्रयास होते है।
डीजीपी सुधीर सक्सेना ने इंदौर आकर अपराध की समीक्षा की थी। उन्होंने क्राइम ब्रांच के प्रदर्शन पर नाराजगी जताई थी। डीजीपी का कहना था कि इंदौर की क्राइम ब्रांच को मुंबई-दिल्ली की तर्ज पर काम करना चाहिए लेकिन यहां वैसे प्रदर्शन नहीं हो रहा है।