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इंदौर

यह कैसी हेल्पलाइन, पहले राशि वापस कराने के नाम चक्कर कटवाते, फिर बोलते- हम मदद नहीं करेंगे, थाने जाओ

क्राइम ब्रांच की साइबर हेल्पलाइन ठगाए लोगों को कर रही परेशान, 60 प्रतिशत मामले लंंबित, एक में भी गिरफ्तारी नहींं

इंदौरJun 30, 2022 / 04:40 pm

प्रमोद मिश्रा

यह कैसी हेल्पलाइन, पहले राशि वापस कराने के नाम चक्कर कटवाते, फिर बोलते- हम मदद नहीं करेंगे, थाने जाओ

यह कैसी हेल्पलाइन, पहले राशि वापस कराने के नाम चक्कर कटवाते, फिर बोलते- हम मदद नहीं करेंगे, थाने जाओ

इंदौर. साइबर अपराध की चुनौती से निपटने कमिश्नरेट में साइबर सेल को मजबूत करने अधिकारी व कर्मचारियों की फौज तैनात कर दी गई लेकिन वहां से लोगों को राहत नहींं मिल रही है। लोग ठगाने के बाद मदद की उम्मीद कर साइबर हेल्पलाइन पर कॉल करते है, वहां राशि दिलाने का आश्वासन देकर चक्कर लगवाए जाते है और कुछ दिन बाद जवाब मिलता है, हम राशि दिलाने में मदद नहीं कर सकते, थाने में जाकर रिपोर्ट करों। क्राइम ब्रांच में 60 प्रतिशत मामले लंबित है, एक भी केस में आरोपी नहीं पकड़े जा सके।
एरोड्रम निवासी रिटायर्ड बुजुर्ग ने शापिंग साइड के जरिए टीवी स्टैंड बुलाया। स्टैंड फिटिंग करने वाला नहीं आया तो उन्होंने इंटरनेट के जरिए नंबर हॉसिल कर कॉल किया। नंबर ठगोरे का निकला। उसने बातों में उलझाकर क्यूआर कोड स्कैन कर 10 रुपए भेजने का झांसा दिया। बुजुर्ग ने क्यूआ कोड स्कैन किया तो धीरे धीरे कर 1 लाख 60 हजार रुपए दो बैंक खातोंं से निकाल लिए और फिर बंद कर लिया। घबराए बुजुर्ग ने क्राइम ब्रांंच की हेल्पलाइन पर कॉल किया तो महिला कर्मचारी ने बात की। जानकारी लेकर जल्द राशि दिलाने का आश्वासन दिया। पैसा दिल्ली के खाते में गया था। अगले दिन बुजुर्ग क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचे तो कर्मचारी ने आश्वासन दिया कि जल्द राशि वापस करा देंगे। 3-4 दिन चक्कर लगवाए। एक सप्ताह बाद बुजुर्ग को टका सा जवाब दिया, हम राशि नहीं दिला सकते, एरोड्रम थाने पर जाकर रिपोर्ट लिखा दो। एरोड्रम थाने गए तो वहां से फिर क्राइम ब्रांच जाने का कहा। बुजुर्ग पुलिस हेल्पलाइन को लेकर चक्कर ही लगा रहे है।
18 मई को खुड़ैल निवासी बंटी सोलंकी ने क्रेडिट कॉर्ड फ्रॉड की शिकायत क्राइम ब्रांच मे ंकी। दो दिन पहले ही बनकर आए क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा देकर 50 हजार की ठगी की गई। बंटी से जानकारी लेकर टीम ने कार्रवाई कर राशि वापस कराने का आश्वासन दिया। कई दिन तक चक्कर कटवाए। अब बोल रहे, पैसा वापस नहीं दिलवा सकते, खुड़ैल थाने पर जाकर केस दर्ज करवा दो। सोलंकी नेे बार-बार फरियाद की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
निजी कंपनी में काम करने वाले गोविंद राठौर के क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने का झांसा देकर 20 हजार की ठगी हो गई। वह भी उम्मीद लेकर क्राइम ब्रांच की हेल्पलाइन की शरण में गया। यहां से कई दिनों तक आश्वासन मिला, अब असफलता बताकर हाथ खड़े कर दिए है।
डीसीपी, एसीपी के साथ बड़ी टीम लेकिन नतीजा सिफर
क्राइम ब्रांच में डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, दो एएसपी, दो टीआइ के साथ एक बड़ी टीम साइबर सेल के नाम से काम कर रही है। तकनीकी उपकरण भी दिए है। क्राइम ब्रांच में साइबर अपराध की एक साल में करीब 1250 शिकायत आती है, 60 प्रतिशत में कोई हल नहीं निकला। पुलिस कुछ मामलों में पैसा वापस दिलवा देती है लेकिन एक भी केस में आरोपी अब तक हाथ नहीं लगे है। कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र तर्क है, साइबर अपराध पर पुलिस गंभीर है। पीडि़तों की हर संभव सहायता व आरोपी पकडऩे के प्रयास होते है।
डीजीपी भी जता चुके है नाराजगी
डीजीपी सुधीर सक्सेना ने इंदौर आकर अपराध की समीक्षा की थी। उन्होंने क्राइम ब्रांच के प्रदर्शन पर नाराजगी जताई थी। डीजीपी का कहना था कि इंदौर की क्राइम ब्रांच को मुंबई-दिल्ली की तर्ज पर काम करना चाहिए लेकिन यहां वैसे प्रदर्शन नहीं हो रहा है।

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