खरीददारी का है महत्व
धनतेरस के दिन खरीददारी का बड़ा महत्व है। इस दिन नई चीजों के खरीदने से घर में शुभ माना जाता है। इस पर्व में मुख्य रूप से नए बर्तन या सोना-चांदी खरीदने की परंपरा चली आ रही है। भक्तों का मानना है कि जन्म के समय धन्वंतरि जी के हाथों में अमृत का कलश था, इसलिए इस दिन बर्तन खरीदना अति शुभ होता है। विशेषकर पीतल के बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। इंदौर भी तैयार है धनतेरस का त्योहार मनाने के लिए। अभी सरकार ने भी व्यपारियों और ग्राहकों को थोड़ी राहत दी है। २ लाख तक की खरीददारी पर पैन कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसके बाद पूरा बजार खुशी से झूम उठा है। इस बार उम्मीद है कि नोटबंदी और जीउसटी लागू होने के बाद पहला त्योहार है जिसकी चमक पूरे इंदौर शहर में दिखाई पड़ रही है।
धनतेरस के दिन खरीददारी का बड़ा महत्व है। इस दिन नई चीजों के खरीदने से घर में शुभ माना जाता है। इस पर्व में मुख्य रूप से नए बर्तन या सोना-चांदी खरीदने की परंपरा चली आ रही है। भक्तों का मानना है कि जन्म के समय धन्वंतरि जी के हाथों में अमृत का कलश था, इसलिए इस दिन बर्तन खरीदना अति शुभ होता है। विशेषकर पीतल के बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। इंदौर भी तैयार है धनतेरस का त्योहार मनाने के लिए। अभी सरकार ने भी व्यपारियों और ग्राहकों को थोड़ी राहत दी है। २ लाख तक की खरीददारी पर पैन कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसके बाद पूरा बजार खुशी से झूम उठा है। इस बार उम्मीद है कि नोटबंदी और जीउसटी लागू होने के बाद पहला त्योहार है जिसकी चमक पूरे इंदौर शहर में दिखाई पड़ रही है।
धनतेरस कथा
धनतेरस की कथा के लिए कहा जाता है कि इसी दिन यमराज से राजा हिम के पुत्र की रक्षा उसकी पत्नी ने की थी। इसी वजह से दीपावली से दो दिन पहले मनाए जाने वाले इस ऐश्वर्य वाले त्यौहार धनतेरस पर शाम में यम देव को दीपदान किया जाता है। इस दिन को यमदीप दान भी कहा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज के प्रकोप से सुरक्षित रहते हंै और पूरा परिवार स्वस्थ रहता है। इस दिन घर को पवित्र बनाया जाता है और फिर शाम के समय रंगोली बनाते है। पूरे घर में दीपक जलाकर धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी का आवाहन किया जाता है।
धनतेरस की कथा के लिए कहा जाता है कि इसी दिन यमराज से राजा हिम के पुत्र की रक्षा उसकी पत्नी ने की थी। इसी वजह से दीपावली से दो दिन पहले मनाए जाने वाले इस ऐश्वर्य वाले त्यौहार धनतेरस पर शाम में यम देव को दीपदान किया जाता है। इस दिन को यमदीप दान भी कहा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज के प्रकोप से सुरक्षित रहते हंै और पूरा परिवार स्वस्थ रहता है। इस दिन घर को पवित्र बनाया जाता है और फिर शाम के समय रंगोली बनाते है। पूरे घर में दीपक जलाकर धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी का आवाहन किया जाता है।