अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले दिग्गी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। इसका सीधा असर इंदौर भाजपा पर ही होगा। उन्होंने पिछले दिनों नगर निगम के अफसरों की बल्ले से पिटाई कांड पर विधायक विजयवर्गीय की घेराबंदी की।
साथ में कहा कि आपने संसदीय दल की बैठक में निंदा करते हुए हैरानी प्रकट की थी। विधायक के जेल से छूटने पर जुलूस व जलसा निकालने वालों को भी बर्खास्त करने की बात कही थी। यहां तक बोले थे कि एक विधायक नहीं होगा तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
सिंह के पत्र का सीधा असर विधायक विजयवर्गीय पर पड़ता नजर आ रहा है। जैसे-तैसे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बेटे आकाश के विवाद को शांत किया था। नोटिस के बाद जवाब देकर पार्टी नेताओं को कन्वेंस कर रहे थे। ऐसे में पत्र लिखकर सिंह ने सीधे मोदी पर प्रहार कर दिया।
उन्हें कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया गया कि आपकी पार्टी में ही आपकी बात कितनी सुनी जा रही है।
राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि इसका खासा असर पड़ेगा। पार्टी को मजबूरी में कुछ ना कुछ कार्रवाई करना पड़ेगी। आकाश की पहली गलती मानकर कुछ समय के लिए सस्पेंड किया जा सकता है।
सबसे ज्यादा चिंता में नगर भाजपा है, क्योंकि मोदी ने स्थानीय इकाई को भी भंग करने की बात कही थी। वैसे भी सदस्यता अभियान के शुरू होते ही संगठन चुनाव का आगाज हो चुका है। संगठन को कहने के लिए भी हो जाएगा कि प्रधानमंत्री मोदी के आदेश का पालन हो गया।
…तो पड़ सकता है अभियान पर प्रभाव
बल्लाकांड पर प्रधानमंत्री मोदी के रुख को देखकर सबसे ज्यादा नगर भाजपा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। एक तरफ खाई तो दूसरी तरफ कुएं जैसी स्थिति हो गई है। अगर जेल से छूटने के बाद स्वागत नहीं करती तो एक बड़े जवाबदार व्यक्ति की नाराजगी हो जाती, तो दूसरी तरफ स्वागत करने पर प्रधानमंत्री नाराज हैं।
रुख को देखते हुए नगर इकाई ने सदस्यता अभियान को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है। पूरी टीम ताकत से जुटी हुई है ताकि जब कार्रवाई करने की बारी आए तो ऊपर के संगठन को बताया जा सके कि सदस्यता अभियान पर इसका सीधा असर हो सकता है। इसको देखते हुए कार्रवाई भी रुक सकती है। एक तरह से नगर भाजपा ने पाल बांधने का प्रयास किया।