डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल के मुताबिक, विनय प्रताप सिंह निवासी वाराणसी (उत्तरप्रदेश) ने धोखाधड़ी की शिकायत की। उसने ठगी करने वाले के मोबाइल नंबर दिए थे। आरोपी को इंटरनेट पर ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी का पता चला था। फोन पर बात की तो उन्हें ऑनलाइन कपड़े की दुकान की डीलरशिप दिलाने की बात कही। उनसे 25 हजार रुपए अकाउंट में डलवा लिए। बाद में और राशि की मांग करने लगे तो फरियादी ने इनकार किया। इसके बाद आरोपियों ने मोबाइल बंद कर लिए। एडिशनल डीसीपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक, मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस टीम ने शोएब पिता रसीद पटेल निवासी खजराना को पकड़ा। डीसीपी के मुताबिक गिरफ्तार होने के बाद पता चला कि आरोपी ने बकायदा ऑफिस खोला था, जिसमें 3 युवतियों व 3-4 युवकों को नौकरी पर रखा था। ये लोग दिनभर लोगों को कॉल कर डीलरशिप देने का झांसा देकर ठगते थे। आरोपी के खिलाफ खजराना थाने में केस दर्ज कर आगे जांच की जा रही है।
इंटरनेट कालिंग के जरिए विदेशी लोगों के साथ निवेश के नाम हो रही थी ठगी,क एक गिरफ्तार एसटीएफ ने कंसटेंसी कंपनी पर कार्रवाई कर एक आरोपी को पकड़ा। आरोपी व उसके कर्मचारी इंटरनेट कालिंग के जरिए विदेश में लोगों से संपर्क कर निवेश के नाम पर ठगी कर रहे थे। सूचना के आधार पर एसटीएफ ने तपेश्वर तंवर को पकड़ा था। आरोपी ने विजयनगर में कंसटेंसी कंपनी शुरू की थी। वहां कई युवक-युवतियों को नौकरी पर रखा था। कंपनी का ऑनलाइन ठिकाना सिंगापुर में होना बताया था। छानबीन में पता चला कि कई वचुर्अल सिम ले रखी थी जिसके जरिए इंटरनेट कालिंग कर अमरीका, स्वीडन, सिंगापुर आदि देशों में लोगों से संपर्क कर उन्हें शेयर में निवेश करने पर फायदा कराने का झांसा दिया जाता था। करीब 30 मोबाइल व 2 लेपटॉप जब्त कर उनकी जांच की जा रही है।