इसी साल 10 जुलाई को नयापुरा वनक्षेत्र में घायल तेंदुआ मिला है। शुरुआत से ही मामले में लापरवाही बरती गई। पहले इसे जंगली जानवरों के बीच टैरिटरी का संघर्ष माना गया। लेकिन, सीटी स्कैन में सिर में छर्रे धंसे होने की पुष्टि के बाद तेंदुए के घायल होने की वजह शिकार का मकसद बताया गया। दो जांच अधिकारी के बाद इंदौर वन मंडल ने तेंदुए के शिकार के मामले में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स को जांच सौंपी थी। ये जांच तेजी से चल रही थी। फोर्स के सदस्यों ने संदिग्धों व चौकीदारों के बयान भी ले लिए। मगर, शनिवार को टीम ने जांच रोक दी। बताया जा रहा है कि टीम के सदस्य शुक्रवार को ही भोपाल लौट गए। अधिकारियों के अनुसार टीम को किसी दूसरे महत्वपूर्ण मामले की जांच की जिम्मेदारी मिल गई है।
कॉल डिटेल का इंतजार तेंदुए के शिकारियों को पकडऩे में कॉल डिटेल का बड़ा योगदान हो सकता है। शुरुआत से ही जिसे संदिग्ध माना जा रहा है उसकी कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन के लिए विभाग आवेदन कर चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि जानकारी मिलने के बाद इस मामले में खुलासा हो सकेगा। हालांकि, जांच टीम के भोपाल लौटने के बाद ये जानकारी कितनी कारगर साबित होगी इसे लेकर जिम्मेदार कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।