must read : समझौता नहीं हुआ तो घर लौटते ही चाकू से कर दी पत्नी की हत्या, मूकबधिर बहन पर भी किए वार कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पति को आदेश दिए कि वे पत्नी को चार लाख हर्जाना देने के साथ ही 15 हजार रुपए महीना बच्चे के भरण-पोषण के लिए भी चुकाए। एक माह में उसे चार लाख रुपए और हर माह की 10 तारीख से पहले बेटे के लिए भरण-पोषण की राशि चुकाना है। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट कमलेश कुमार सोनी ने जिला कोर्ट के इतिहास में संभवत: घरेलू हिंसा में एड्स पीडि़ता के पक्ष में इस तरह का आदेश पहली बार दिया है। पीडि़ता की ओर से पैरवी करने वाले एडवोकेट अमर सिंह राठौर ने बताया, इंदौर निवासी युवक ने पीडि़ता के साथ 28 जनवरी 2012 को विवाह किया था। उसे 200 से एड्स था।
must read : समझौता नहीं हुआ तो घर लौटते ही चाकू से कर दी पत्नी की हत्या, मूकबधिर बहन पर भी किए वार शादी के बाद पति व उसके परिजन दहेज के लिए परेशान व मारपीट करते थे। इस बीच पत्नी गर्भवती हुई तो पति ने जबरन दवा देकर गर्भपात करवा दिया। पीडि़ता जून 2012 को मायके आ गई और इसकी शिकायतअन्नपूर्णा व महिला थाने में की। बाद में पुलिस की समझाइश के बाद दोनों फिर साथ रहने लगे। 2013 में पीडि़ता फिर गर्भवती हो गई। जांच के बाद पता चला उसे एड्स हो गया है। डॉक्टर की पूछताछ में पति ने 2004 से एड्स होने की बात स्वीकारी। अक्टूबर 2013 को पीडि़ता ने बच्चे को जन्म दिया, उसके बाद पति और परिजन ने दोनों को घर से निकाल दिया था।