प्रशासनिक संकुल सफेद हाथी साबित हो रहा है, जिसके रखरखाव में शासन को लाखों रुपए साल के खर्च करना पड़ते हैं। इसके अलावा सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है, यहां तक कि पीने के पानी को लेकर आगंतुक से लेकर अफसर तक परेशान हैं। चार साल पहले प्रत्येक फ्लोर पर आरओ के साथ चिल्डवाटर की मशीन लगाई गई थी। कुल छह मशीन थीं, लेकिन रखरखाव नहीं होने की वजह से सब खराब हो गईं। गरमी शुरू होने के पहले सभी को ठीक करवाया जाना चाहिए था, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। इसको लेकर पिछले दिनों कुछ कर्मचारियों ने अफसर से शिकायत भी की थी, जिस पर ठीक कराने के निर्देश जारी किए गए। इस बात को एक पखवाड़े से अधिक हो गया, लेकिन पानी की समस्या हल नहीं हो सकी। बाबुओं ने अपनी समस्या हल करने के लिए 35 रुपए रोज की चिल्ड वाटर केन बुलाना शुरू कर दी। चूंकि उन्हें भी दिनभर चलाना होता है, इसलिए वे भी आने वालों को पानी नहीं देते हैं। आगंतुक कैंटीन से खरीदकर प्यास बुझाते हैं।
बाथरूम के पास रखी सभी मशीन बिल्डिंग बनाए जाने के समय ये ध्यान नहीं रखा कि सैकड़ों लोग कलेक्टोरेट में आते हैं और उनके पीने के पानी की व्यवस्था क्या होगी। बाद में अफसरों ने अपनी मर्जी से आरओ व चिल्ड वॉटर मशीन बाथरूम के पास लगा दी। दिनभर बाथरूम की बदबू आती थी और गंदगी के पास पानी होने से बीमारी का खतरा, जिसकी वजह से कर्मचारियों ने पानी लेना भी बंद कर दिया था।