वाहन-सारथी पोर्टल और लर्निंग लाइसेंस में लेटलतीफी इसका उदाहरण है। वहीं अब जब फेसलेस लर्निंग लाइसेंस शुरू हो चुके है तो डुप्लिकेट और रिन्यूअल में लेटलतीफी की जा रही है। विभाग ने पहले इसे सितंबर से शुरू करने की घोषणा की थी। सितंबर बीतने के बाद अक्टूबर भी खत्म होने को है। दिवाली बाद ही इसकी शुरुआत करने की बात अधिकारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है इसे शुरू करने में तकनीकी पेंच आ रहे हैं वहीं ऑनलाइन आवेदन करने के बाद लोगों को घर पर ही कार्ड भेजा प्रक्रिया सुनिश्चित नहीं की जा सकी है।
प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस के प्रति लोग जागरूक हुए हैं। इस साल नौ महीने में प्रदेश में 3 लाख 76 हजार 968 ड्राइविंग लाइसेंस बने हैं। पिछले साल की तुलना में 20 हजार 661 लाइसेंस अधिक हैं। हालांकि महिलाओं ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई है। महिलाएं कम लाइसेंस बनवा रही हैं, जबकि महिलाओं को प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना निशुल्क है। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के पीछे पुलिस की चालानी कार्रवाई भी मान सकते हैं। शहर या जिले से बाहर जाने पर लाइसेंस की जरूरत पड़ती है।