इन विकल्पों को करना होगा तैयार विकल्प १ : एमआर ११ का निर्माण जरूरी है, जो बायपास, उज्जैन रोड व एमआर ४ को जोड़ेगा। एमआर १० से निरंजनपुर तक करीब २ किमी का हिस्सा बना कर इसे सुगम किया जा सकता है।
विकल्प २ : निरंजनपुर चौराहे के पास से पीपल्याकुमार होते हुए मार्ग सीधा बायपास पर मिलता है। इसकी चौड़ाई १८ मीटर है। इसके आसपास कॉलोनियों का निर्माण हो चुका है। निरंजनपुर से बीआरटीएस तक यह मार्ग थोड़ा बहुत बना है। इसे बायपास से इसे जोड़ कर लिंक रोड बनाया जा सकता है।
विकल्प २ : निरंजनपुर चौराहे के पास से पीपल्याकुमार होते हुए मार्ग सीधा बायपास पर मिलता है। इसकी चौड़ाई १८ मीटर है। इसके आसपास कॉलोनियों का निर्माण हो चुका है। निरंजनपुर से बीआरटीएस तक यह मार्ग थोड़ा बहुत बना है। इसे बायपास से इसे जोड़ कर लिंक रोड बनाया जा सकता है।
विकल्प नंबर ३ : शालीमार टाउनशिप के बगल से रिंग रोड तक जा रही इस सडक़ की चौड़ाई भी १८ मीटर है। इस पर हाई कोर्ट से स्टे है।
विकल्प ४ : सी २१ मॉल के सामने आईडीए द्वारा विकसित कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के पीछे से एमआर ९ व न्यू देवास रोड रसोमा चौराहे के पास जोडऩे वाली १८ मीटर की सडक़ है। वर्तमान में एमआर ९ का एक हिस्सा नहीं बनने से आ रही मुश्किलों का हल इस रोड को बना किया जा सकता है। एमआर-१० की ओर जाने वाले वाहनों को विजय नगर चौराहे से दूर ले जाया जा सकता है।
विकल्प ४ : सी २१ मॉल के सामने आईडीए द्वारा विकसित कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के पीछे से एमआर ९ व न्यू देवास रोड रसोमा चौराहे के पास जोडऩे वाली १८ मीटर की सडक़ है। वर्तमान में एमआर ९ का एक हिस्सा नहीं बनने से आ रही मुश्किलों का हल इस रोड को बना किया जा सकता है। एमआर-१० की ओर जाने वाले वाहनों को विजय नगर चौराहे से दूर ले जाया जा सकता है।
विकल्प ५ : बीआरटीएस पर यातायात का दबाव एमआर ९ चौराहे के आसपास रहता है। सी २१ मॉल व इसके सामने के हिस्से में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स है। पीछे सियागंज पीयू २ है। इसके दो अहम विकल्प है, जो ट्रैफिक के दबाव को कम करेंगे। एक विकल्प रसोमा लैब से रिंग रोड तक का है। ३० मीटर चौड़ाई की इस लेन को सिर्फ रिंग रोड की सर्विस रोड से जोडऩा है। इसी तरह एबी रोड के समानान्तर रहते हुए पीयू ४ की १८ मीटर रोड से जोड़ता है। यदि प्रशासन व नगर निगम चाहे तो एबी के समानान्तर एक और रोड बना सकता है। जिससे विजय नगर चौराहे पर यातायात का दबाव कम होगा।
विकल्प ६ : आईडीए की स्कीम १५० की मुख्य रोड का निर्माण कर वाहनों को रिंग रोड पर निकाला जा सकता है। यह ६० फीट चौड़ी सडक़ स्टेट बैंक व होटल श्रीमाया सेलिब्रिटी के बीच से रिंग रोड को जोड़ती है। इसका बड़ा हिस्सा आईडीए के पास है। इसके अतिक्रमण हटा कर सडक़ बनाई जा सकती है।
विकल्प ६ : आईडीए की स्कीम १५० की मुख्य रोड का निर्माण कर वाहनों को रिंग रोड पर निकाला जा सकता है। यह ६० फीट चौड़ी सडक़ स्टेट बैंक व होटल श्रीमाया सेलिब्रिटी के बीच से रिंग रोड को जोड़ती है। इसका बड़ा हिस्सा आईडीए के पास है। इसके अतिक्रमण हटा कर सडक़ बनाई जा सकती है।
विकल्प ७ : रसोमा चौराहे से पाटनीपुरा होते हुए मालवा मिल तक की सडक़ को व्यवस्थित कर बीआरटीएस का ट्रैफिक दबाव कम हो सकता है। इसके लिए मालवा मिल से रसोमा चौराहे तक एलिवेटेट ब्रिज का सर्वें करवा कर देखा जा सकता है। इससे विजय नगर चौराहे से सीधे शहर की ओर आने वाले वाहनों को भेज सकते हैं।
विकल्प ८ : एमआर ९ बीआरटीएस से रिंग रोड होते हुए बायपास तक का यह पहुंच मार्ग भी मास्टर प्लान में प्रस्तावित है। २०० फीट का यह मार्ग अनेक स्थानों एकआर ९ चौराहे के आगे बन ही नहीं सका है। एक हिस्सा निर्माणों के कारण उलझा हुआ है। इसके बनने से खजराना की ओर जाने वाले वाहनों को इस मार्ग पर ले जाया जा सकेगा।
विकल्प ९ : एलआईजी लिंक रोड का निर्माण वर्षों से चल रहा है। इस मार्ग से साकेत, मनीषपुरी, तिलकनगर व रिंग रोड की ओर जाने वाले ट्रैफिक को बीआरटीएस से डायवर्ट किया जा सकता है। इसका काफी हिस्सा बन कर शुरू भी हो गया है, सिर्फ मुहाने और बीच का कुछ हिस्सा बनना है।
विकल्प १० : पलासिया क्षेत्र में गिटार तिराहे से साकेत होते हुए रिंग रोड तक का मार्ग भी मास्टर प्लान में है। ८० फीट के इस मार्ग का निर्माण साकेत के पास संकरी गली में परिवर्तित हो गया है। छोटा से हिस्सा नहीं बनने से मुश्किल आ रही है।
विकल्प ११ : एबी रोड चिडि़याघर के पास से आजाद नगर, मूसाखेड़ी होते हुए चितावद चौराहे रिंग रोड पर मिलता है। इसे बायपास तक ले जाया जा सकता है। इसे बनाने की कवायद भी शुरू हुई थी, लेकिन अतिक्रमण के कारण निर्माण अटका हुआ है।
विकल्प १२ : होलकर कॉलेज के सामने अंडर पास के समीप से एबी रोड को रिंग रोड से मिलाने के लिए मार्ग प्रस्तावित है। यह मार्ग विवि ऑडिटोरियम के पास से रिंग रोड को मिलाता है।
विकल्प १३ : राजीव गांधी चौराहे से भंवरकुंआ चौराहे तक रिंग रोड को मिलाने वाले दो वैकल्पिक मार्ग हैं। इसमे एक इंद्रपुरी होते हुए जाता है। दूसरा भोलाराम उस्ताद मार्ग है। इन दोनों को तैयार करके रिंग रोड पर जाया जा सकता है।
विकल्प १४ : बॉटलनेक व विजय नगर के कुछ हिस्से में जाम का कारण बनने वाले वाहनों के लिए और भी वैकल्पिक मार्ग हैं। इनमें इंटर सिटी लिंक में जंजीरवाला चौराहे से नेहरू नगर होते हुए अटल द्वार के पास से एलआईजी रोड पर भी वाहनों को लाया जा सकता है। यह समानान्तर एबी रोड का कार्य करेगा।