पोलोग्राउंड स्थित चंबल ग्रिड पर गुरुवार रात करीब 10 बजे के आसपास आग लग गई। इससे शहर के अधिकतर इलाकों में बिजली सप्लाय प्रभावित हुई। मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (ट्रांस्को) के 63 मेगावाट क्षमता के ग्रिड में लगी आग से न केवल ट्रांसमिशन कंपनी, बल्कि पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी को भी करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। आग लगने के बाद तकरीबन 2 घंटे में 28 फीडरों में से १२ पर आपूर्ति सामान्य की गई। शेष १६ फीडरों पर बिजली वितरण व्यवस्था शुक्रवार सुबह तक सामान्य हो पाई। ग्रिड में आग लगने की वजह से सुधार कार्य के चलते शहर के अधिकतर इलाकों में बिजली कटौती की गई। इधर, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से शहर में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती क्यों हो रही और ग्रिड में आग लगाने क्या कारण है? इसका पता लगाने के लिए आज शहर कांग्रेस कमेटी के नेता बिजली वितरण कंपनी के एमडी विकास नरवाल से मुलाकात करेंगे। शहर कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, प्रदेश कांग्रेस सचिव राजेश चौकसे, युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष अमन बजाज सहित अन्य मुलाकात के दौरान मौजूद रहेंगे। कांग्रेस नेता बिजली कटौती बंद करने के साथ ग्रिड में आग कैसे लगी इसकी जांच कराने की मांग रखेंगे, क्योंकि लगातार हो रही कटौती के चलते प्रदेश कांग्रेस सरकार बदनाम हो रही है।
एक सप्ताह लगेगा एमडी नरवाल और कार्यपालक निदेशक आपूर्ति संजय मोहासे ने कहा कि ट्रांसको के जबलपुर स्थित अधिकारियों ने एक सप्ताह में नया पॉवर ट्रांसफॉर्मर (ग्रिड) का काम पूरा करने का आश्वासन दिया है। जले ग्रिड की कीमत करीब पांच करोड़ आंकी गई है। अग्निकांड में बिजली वितरण कंपनी के भी उपकरण जले हैं। स्टोर की 60 लाख की केबल नष्ट हुई है। उन्होंने कहा कि झांसी से 63 एमवी का ट्रांसफॉर्मर मंगवाया गया है। आपूर्ति सामान्य हो जाएगी। ग्रिड सुधार के लिए ट्रांसमिशन कंपनी टीम पहुंच गई है।