स्ट्रीट लाइट के नीचे लगती है ‘क्लास’
बच्चे राज की मेहनत और लगन देखकर टीआई विनोद दीक्षित भी प्रभावित हो गए और अब खुद समय निकालकर एक घंटे उसे पढ़ाते हैं। कभी कभी काम की व्यस्तता होने के कारण लेट हो जाने पर 11 बजे के बाद भी राज उनसे पढ़ने के लिए पहुंच जाता है। राज छठवीं क्लास में पढ़ता है और कहता है कि उसे पुलिसवाला ही बनना है। वहीं टीआई विनय दीक्षित ने बताया कि पुलिस की नौकरी होने के कारण वो अपने बच्चों और परिवारवालों को कई बार समय नहीं दे पाते हैं लेकिन राज की ललक और इच्छाशक्ति ने उनका दिल जीत लिया और इसलिए वो उसे पढ़ाने जाते हैं।
ऐसी जागी पुलिस बनने की इच्छा
बीते दिनों पलासिया टीआई विनोद दीक्षितत अपने स्टाफ के साथ ग्वालटोली इलाके में गुंडों के खिलाफ अभियान चला रहे थे इसी दौरान राज ने उन्हें गुंडों पर कार्रवाई करते हुए देखा। गुंडों के मन में खाकी का खौफ देखखर उसके मन में भी पुलिसवाला बनने की इच्छा जागी और उसने पुलिसवाला बनने की ठान ली। राज के पिता विकास मनावरे कैमरे लगाने का काम करते हैं और टिफिन सेंटर भी चलाते हैं। उन्होंने भी बताया कि जिस दिन से गुंडों पर कार्रवाई होते राज ने देखा वो पुलिसवाला बनना चाहता है और अब तो उसकी मेहनत देखकर हमें भी लगता है कि वो एक दिन जरुर पुलिसवाला बनेगा।