क्राइम ब्रांच एएसपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक आरोपी शुभमकांत चतुर्वेदी उर्फ रूद्राक्ष संधु उर्फ मेजर बिहान शेरगिल (२५) पिता रामस्वरूप चतुर्वेदी निवासी साडा कॉलोनी, नया बस स्टैंड अशोक नगर को लाखों की धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ्तार किया है। आरोपी के बारे में सूचना मिली थी की उसने सुखलिया में रहने वाले डॉक्टर आनंद पिता श्री ओम त्रिवेदी से आर्मी कैंटिन से सस्ते में वाहन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की है। उनसे रुपए एेंठने के लिए आरोपी ने खुद को आर्मी का मेजर बता उन्हें आर्मी कैँटिन से बगैर जीएसटी और पेड ड्यूटी नया वाहन दिलाने का लालच दिया। उसकी बातों में आकर डॉ ने उसके खाते में ३४ हजार ७०० रुपए जमा करवा दिए। राशि मिलते ही आरोपी ने डॉ से संपर्क तोड़ दिया। फोन नहीं उठाने व उसके गायब होने पर उन्होंने थाने पहुंच आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया।
किसी से मेजर तो किसी से कैप्टन बनकर मिलता आरोपी से पता चला है कि वह बीएससी का छात्र होकर वर्तमान में एमआईजी क्षेत्र के जगजीवन राम नगर में रहता है। दो साल से शहर में रहकर वह कॉल सेंटर में नौकरी करता। छुट्टी वाले दिन वह घर से आर्मी मेजर की ड्रेस पहन कर निकलता। दोस्तों व परिचित की मदद से वह जिससे भी मिलता खुद को आर्मी अफसर बताता। एक व्यक्ति से उसने अफसर बनकर रुपए मांगे। आसानी से हजारों रुपए मिलने के बाद उसने लोगों से धोखाधड़ी करना शुरू कर दी। बातचीत में किसी को आर्मी कैंटिन के ठेके तो किसी से वहां से सस्ते वाहन दिलाने के नाम पर रुपए एेंठने लगा। कई बार आरोपी लोगों के सामने असली अफसर बनने की एक्टिंग कर चुका है। कोई उस पर शक न करें इसलिए वह उन्हें महू आर्मी के आसपास लेकर घुमा चुका है। एएसपी ने बताया कि आरोपी कई लोगों से एक लाख से डेढ़ लाख की धोखाधड़ी कर चूका है। उसके खिलाफ महू थाने में भी केस दर्ज होने की बात सामने आई है। दो दर्जन से अधिक लोगों से धोखाधड़ी के मामले में सूची तैयार कर रहे है। इस संबंध में महू के आर्मी अफसर को सूचना दी है। वे भी आरोपी से पूछताछ क रने की तैयारी में है।
एेसे बना फर्जी अफसर आरोपी ने कबूला है कि वह पूर्व में एनसीसी ज्वाईंन कर चुका है। इस दौरान वह रालामंडल भी गया। यहां उसे सब फौजी नाम से चिड़ाने लगे। उरी फिल्म देखने के बाद वह फर्जी आर्मी अफसर बन गया। आर्मी अफसर जैसे कद काठी होने पर वह खुद लोगों को अपना नाम मेजर बिहान सिंह शेरगिल बताने लगा। इसके लिए उसने मरीमाता स्थित भावेश टेलर से वर्दी भी सिलवाई। लोगों से धोखाधड़ी करने के साथ वह सार्वजनिक स्थानों पर किराए की कार लेकर पहुंचता। रौब झाड़ते हुए खुद को आर्मी का मेजर व कैप्टन बता उसने इंजीनियरिंग कॉलेज व फिजियोथैरेपी की छात्रा से दोस्ती बढ़ाई। अपनी ओर आकर्षित करने के बाद वह उन्हें डेट पर ले जाने लगा। वर्तमान में उसने किसी स्कूल शिक्षिका युवती को भी निशाना बनाने की बात कबूली। आरोपी ने बताया की छात्राएं भी उसे उरी फिल्म के मेजर बिहान की तरह दिखने की बात कहने लगी। जिससे उसका आत्म विश्वास ओर बढ़ गया। तब से वह उनसे मेजर बिहान बनकर मिलने लगा। कई पिकनिक स्पॉट पर उसने आर्मी की वर्दी में फोटो में खिचवाई है। उसकी वर्दी व फोटो को रिकार्ड में शामिल किया है।
परिजन फर्जी अफसर बेटे की हरकत से अनभिज्ञ आरोपी ने बताया की वह शहर में रहकर कॉल सेंटर में नौकरी करता। वह लोगों से फर्जी मेजर व कैप्टन बनकर मिलता रहा। उसने इसकी भनक अपने परिजन तक को नहीं लगने दी। नौकरी में जब उसे वीक ऑफ मिलता वह अपने साथियों के जरिए लोगों से आर्मी अफसर बनकर मिलता और उनसे रुपए एेंठने का काम शुरू कर देता।