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इंदौर

मंडी में कपास के कम भाव मिलने से किसानों का फूटा गुस्सा, स्टेट हाईवे किया चक्काजाम

हंगामे के बाद नीलामी हुई बंद, किसानों ने किया व्यापारियों का विरोध

इंदौरDec 04, 2019 / 01:45 am

रमेश वैद्य

मंडी में कपास के कम भाव मिलने से किसानों का फूटा गुस्सा, स्टेट हाईवे किया चक्काजाम

हाईवे जाम करते किसान।

बड़वानी/अंजड़. अंजड़ मंडी में कपास के भाव कम मिलने से मंगलवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और किसान सडक़ पर उतर आए। आक्रोशित किसानों ने दोहपर 1.30 बजे सीसीआई और व्यापारियों का विरोध करते हुए खंडवा-बड़ौदा स्टेट हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। हाईवे जाम करने की सूचना मिलने पर अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसानों को समझाइश दी। काफी देर समझाइश देने के बाद किसानों को गुस्सा शांत हुआ और वे रोड से हटे। विरोध कर रहे किसानों ने बताया कि सीसीआई द्वारा अच्छी गुणवत्ता के कपास को भी रिजेक्ट किया जा रहा है। इससे किसानों को नुकसान पहुंच रहा है। साथ ही जो व्यापारी किसानों की उपज की खरीदी कर रहे हैं, वे भी औने-पौने दामों में कपास खरीद रहे हैं। पहले ही अधिक बारिश होने से किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं और अब व्यापारी कम भाव दे रहे हैं। ऐसे में किसानों की फसलों में लगा खर्च निकलना भी मुश्किल है।
मिलीभगत से कपास खरीदी का आरोप
किसानों ने बताया कि सीसीआई द्वारा कुछ वाहनों की ही खरीदी की जा रही है। किसानों ने यहां सभी का कपास सीसीआई द्वारा खरीदे जाने की मांग रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि सीसीआई और व्यापारी आपसी मिलीभगत से कपास की खरीदी कर रहे हैंं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। हंगामेदार माहौल के बीच दोपहर बाद मंडी में सीसीआई की खरीदी प्रारंभ हो सकी। किसानों ने बताया कि सीसीआई का रवैया किसानों के प्रति सही नहीं है। वहीं व्यापारी मनमाने ढंग से खरीदी कर रहे हैं। सीसीआई द्वारा 12 प्रतिशत से अधिक नमी और गुठली वाला कपास नहीं खरीदने का प्रावधान होने से व्यापारी कम भाव दे रहे हैं। किसानों के अनुसार सीसीआई की उदासीनता के चलते व्यापारी किसानों से 4800 रुपए तो किसी को 4900 रुपए प्रति क्विंटल में कपास खरीद रहे हैं।
सीसीआई सीएमडी को मोबाइल से कराया अवगत
अर्जुन दवे की सलाह पर योगेश थानलेरकर ने मुंबई स्थित सीसीआई की सीएमडी पी अल्ली रानी को मोबाइल लगाकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया। निराकरण की सलाह बताने का निवेदन किया। उनकी इस बात पर सीएमडी पी अल्ली रानी भडक़ गई। उन्होंने योगेश थानलेरकर को डपटते हुए कहा कि आपके सेंटर पर ही बार बार गड़बड़ होती है। अन्य सेंटरों पर कोई शिकायतें नहीं आ रही है।
जाम में फंसी एम्बुलेंस को निकाला
किसानों द्वारा हाइवे पर चक्काजाम करने के कारण मार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई। इस दौरान स्कूल बसें और एम्बुलेंस भी जाम में फंस गई, जिन्हें चक्काजाम कर रहे किसानों ने समझाइश के बाद एम्बुलेंस और स्कूल बसों को निकलने दिया। जबकि अन्य वाहनों को नहीं निकलने दिया, जिससे आमजन परेशान होते रहे।
सरकार की अनदेखी के चलते किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। मंडी में उनकी खून-पसीने की कमाई को लूटने में लगे हैं। ज्यादातर किसानों को सीसीआई से रिजेक्ट करने के बाद व्यापारियों द्वारा तय किए रेट पर ही कपास बेचना पड़ता है।
पुरुषोत्तम पाटीदार, किसान नेता अंजड़
मंडी में कपास के भाव कम मिलने कि शिकायत करते हुए किसानों ने कुछ देर के लिए चक्काजाम किया था। बारिश ज्यादा होने के कारण कपास की फसल खराब हुई है। किसानों कि यह मांग है कि सीसीआई द्वारा ए और बी ग्रेड दोनों प्रकार कि क्वालिटी का कपास खरीदा जाए। सीसीआई के क्षेत्रीय अधिकारी से बात करने के बाद अब सीसीआई ने ए और बी ग्रेड दोनों प्रकार का कपास खरीदी शुरू कर दी है। पिछले साल कि तुलना में इस बार आवक आधी से कम पर आ चुकी हैं।
हिम्मतसिंग जमरा, मंडी सचिव
आज से लोवर क्वालिटी कपास कि खरीदी शुरू करवा दी गई हैं। कपास में 8 से 12 प्रतिशत तक नमी होनी चाहिए। साथ ही काला और ज्यादा गुठली वाले कपास की खरीदी नहीं की जाएगी।

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