हम्मालों के संघों द्वारा ५० किलो तक का ही वजन उठाने के मामले को लेकर अब किसानों की मुसीबतें भी दो गुनी हो गई है। पहले एक बारदान में १०० किलो माल लेकर आते थे। जिसकी हम्माली से लेकर तुलाई सभी दरें तय थी। अब दो बोरे हो जाएंगे जिसके कारण बारदान की कीमत, हम्माली और गाड़ी भाड़ा सहित अन्य खर्च में वृद्धि हो जाएगी। किसानों और व्यापारियों के पास लाखों बारदान पड़े हुए है। अब उनका उपयोग भी नहीं हो पाएगा। वेअर हाऊस में भी माल रखने पर कई तरह की मुसीबत होगी। प्रति बोरे के भाव से किराया देना होगा। इसका अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। मंडी में रोज डेढ़ लाख कट्टे रोज आते हैं। अब उनकी संख्या भी दोगुना हो जाएगी।
८ बजे बाद नहीं उतारेंगे माल
हम्मालों ने मांग की है कि किसानों की गाड़ी का माल सुबह ८ बजे बाद नहीं उतारेंगे। वहीं रात १० बजे बाद व्यापारियों की गाड़ी लोड नहीं करेंगे। इसका असर यह होगा कि माल मंडियों में ही पड़ा रहेगा और किसानों को दूसरे दिन माल उतारने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, जबकि मंडी २४ घंटे चलना चाहिए।
हड़ताल के चलते माल अटका
५० किलो से अधिक वजन नहीं उठाने और हम्माली की दरें बढ़ाने की मांग को लेकर चोइथराम मंडी सहित अन्य मंडियों में हम्मालों की हड़ताल चल रही है। हड़ताल के कारण मंडी में आलू-प्याज सहित अन्य सामग्री की आवक भी प्रभावित हो गई है। मंडी प्रशासन ने भी हड़ताल के चलते किसानों को पहले ही सूचना भी दी थी।
किसानों की लागत ५० रुपए तक बढ़ेगी
हम्मालों की घोषणा और मांग के कारण किसानों की लागत ५० रुपए तक बढऩे की संभावना है। किसानों के पास एक क्विंटल के बारदान मौजूद है। अब उन्हें ५० किलो के बारदान खरीदना होंगे। हम्माली, भाड़ा सहित कई खर्च बढ़ेगे। अभी तक १०० किलो के बारदान में माल आता था।
जगदीश रावलिया, किसान सेना