संघ अब फिर धीरे-धीरे माहौल बनाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें सरकार को घेरने की तैयारी है। शुरुआत में कल प्रशासन को एक ज्ञापन दिया गया, जिसमें आधा दर्जन मांग रखी गई। प्रदर्शन का नेतृत्व जिला अध्यक्ष आनंद सिंह ठाकुर कर रहे थे। ज्ञापन में प्रमुख मांग कर्ज माफी का प्रमाण पत्र दिए जाने की थी।
कहना था कि वचन पत्र के अनुसार प्रदेश सरकार सभी किसानों के सभी बैंकों के २ लाख रुपए तक के लोन माफ करेंगी। लोन जमा कर किसानों को प्रमाण पत्र दिए जाएं। किसानों को विश्वास हो जाए कि उनके ऊपर जो लोन चढ़ा है, वह अब खत्म हो गया।
सरकार बनने के दस दिन में ये करने का वादा किया था, लेकिन दो माह से अधिक हो गए, अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। साथ ही प्रतिकूल मौसम और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का बीमा व मुआवजा दिया जाए। मांगों को लेकर संघ ने कलेक्टोरेट में नारेबाजी कर एसडीएम रवीश श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा।
ये भी हैं मांगें
– सिंचाई व घरेलू बिजली बिलों को आधा करें। – पिछले वर्ष की भावांतर व बोनस राशि जल्दी किसानों के खाते में डाली जाए।
– पिछली सरकार द्वारा घोषित सोयाबीन मक्का की बोनस राशि खाते में डाली जाए।
– सिंचाई व घरेलू बिजली बिलों को आधा करें। – पिछले वर्ष की भावांतर व बोनस राशि जल्दी किसानों के खाते में डाली जाए।
– पिछली सरकार द्वारा घोषित सोयाबीन मक्का की बोनस राशि खाते में डाली जाए।
– गेहूं का समर्थन मूल्य २५००, मक्के का ६ हजार तय किया जाए।
– प्याज व लहसुन का पंजीयन कर खरीदी व्यवस्था की जाए। – समर्थन मूल्य से नीचे फसल मंडियों में नहीं बिके, व्यवस्था की जाए।
– समर्थन मूल्य से नीचे फसलों की खरीदी करने को अपराध घोषित किया जाए।
– प्याज व लहसुन का पंजीयन कर खरीदी व्यवस्था की जाए। – समर्थन मूल्य से नीचे फसल मंडियों में नहीं बिके, व्यवस्था की जाए।
– समर्थन मूल्य से नीचे फसलों की खरीदी करने को अपराध घोषित किया जाए।