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इंदौर

प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के शिशु वॉर्ड में भीषण आग, जलने से एक बच्ची की मौत

शॉर्ट सर्किट से हादसा, अफरा-तफरी के बीच बच्चों को किया शिफ्ट

इंदौरNov 24, 2017 / 03:04 pm

अर्जुन रिछारिया

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इंदौर. एमवाय अस्पताल की दूसरी मंजिल स्थित नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में एसी लाइन की वायरिंग में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। देखते ही देखते पूरा वार्ड धुएं और आग से घिर गया। अफरा-तफरी के बीच ४७ बच्चों को वार्ड से ताबड़तोड़ शिफ्ट किया गया।
गुरुवार शाम ४.३० बजे आग लगते ही एससीएनयू, पीआईसीयू, तीन आईसोलेशन वार्ड, तीन वार्ड, डॉक्टर ड्यूटी रूम, नर्सिंग ड्यूटी रूम और स्टोर रूम में धुआं भर गया। एनआईसीयू में २८ व एससीएनयू में १९ बच्चे थे। बच्चों को पहली मंजिल पर ले जाया गया, वहां से चाचा नेहरू अस्पताल में शिफ्ट किया गया। चार दमकल व एक फायर फाइटर बाइक की मदद से २० मिनट में आग पर काबू पाया जा सका। धुआं भरने और बिजली बंद होने से अन्य वार्ड में भी परेशानी हुई।
छत पर किया घायलों का प्राथमिक इलाज
वार्ड के अंदर फंसे आधा दर्जन बच्चों व महिलाओं को आग व धुएं के कारण रास्ता न मिलने से खिडक़ी व कांच फोडक़र दूसरी मंजिल की छत पर ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज किया। अस्पताल के सिक्योरिटी इंचार्ज अवधेश शर्मा ने बताया, बिजली के तारों में आग के कारण एससीएनयू में लपटें निकलने लगीं। वहां तक फायर उपकरण नहीं ले जा पाए। आग बुझाने के दौरान अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर अफरा-तफरी मच गई।
आंखों देखा मंजर…..
दो दिन पहले 20 वर्षीय बेटी का प्रसव हुआ था। बच्चा और बेटी उसी वार्ड में थी। मैं रिश्तेदारों के साथ बैठा था, तभी एक नर्स भागते हुए आई और आग की बात कहकर मदद मांगी। स्टाफ के साथ हम भी लग गए। बेटी व नाती को रिश्तेदारों के साथ बाहर निकाला। तब तक मदद में जुटे रहे, जब तक कि आखिरी बच्चा और अन्य लोग बाहर नहीं आ गए। बच्चों को बाहर निकालने में थोड़ी भी देर होती तो न जाने क्या हो जाता।
– मो. शरीफ, आड़ा बाजार

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