इंदौर । एक आतंकी संगठन, जिसने जन्म मध्यप्रदेश में लिया, पर आज उसका नेटवर्क दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन के इस्लामिक स्टेट यानी आईएस तक फैल चुका है। उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे सिमी ( स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट) की मालवा निमाड़ में गहरी जड़े हैं।
इंदौर, उज्जैन, नागौर गांव से शुरू हुआ स्टूडेंट्स का यह मूवमेंट जल्द ही कट्टरपंथी जामा पहन आतंकवादी संगठन में बदल गया। आज सुबह सिमी के 8 आतंकियों ने भोपाल जेल से भागने की कोशिश की…पुलिस द्वारा हुई मुठभेड़ में आठों की मौत हुई।
आखिर क्या है सिमी
सिमी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया का गठन 1977 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। मोहम्मद अहमुद्दुल्लाह सिद्दिकी ने इसका गठन किया था। प्रारंभिक दौर में सिमी का उद्देश्य मुस्लिम युवा को पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव से बचाना था, लेकिन कुछ समय में ही इस उद्देश्य ने भड़काऊ भाषण और आतंकवादी गतिविधियों का संचालन हो गया। 9-11 के अटैक के बाद इंडिया में सिमी को तुरंत प्रभाव से बैन कर दिया गया।
अगस्त 2008 में कुछ समय के लिए इस पर से बैन हटाया गया, लेकिन इनकी संदिग्ध गतिविधियों के कारण कुछ ही दिनों के अंदर अगस्त माह में ही सिमी को वापस बैन कर दिया गया। तब से अब तक सिमी पर यह बैन कायम है।
सिमी और इंडियन मुहाजिद्दीन?
आतंकवादी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने वाल सुरक्षा समितियां सिमी को इंडियन मुहाजिद्दीन की स्टूडेंट शाखा मानती हैं। सिमी के कुछ कार्यकर्ता इंडियन मुहाजिद्दीन का हिस्सा होने से मना करते हैं, लेकिन इसकी गतिविधियां इन्हें उसका हिस्सा साबित करती हैं। दिल्ली पुलिस का मानना है कि फासिह मुहम्मद उन 5 लोगों में से एक है जिसने सिमी को इंडियन मुहाजिद्दीन जैसे खतरनाक आतंकवादी संगठन का हिस्सा बनाया है।
सिमी और मालवा-निमाड़?
सिमी की हिंसक और उग्रवादी गितिविधियों के चलते जब इसके अधिकांश आका सलाखों के पीछे चले गए तो मालवा-निमाड़ के शांत बेल्ट में नाम उभरा सफदर नागौरी का। उज्जैन के सुन्नी परिवार में जन्मा सफदर जल्द ही सिमी की आर्म फोर्स का लीडर बन गया और उसने अपने साथियों को योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए मालवा-निमाड़ के शांत, लेकिन भौगोलिक रूप से बेहद समृद्ध क्षेत्र में बुला लिया।
सफदर में 1991 में सिमी ज्वाइन की थी और 2001 में आर्म फोर्स का लीडर बना। उसके बाद सफदर ने जम्मू-काश्मीर में आतंकवादियों को आर्म ट्रेनिंग दी।
सफदर को 2007 में कर्नाटक के जंगलों से गिरफ्तार किया गया। पुलिस का आरोप था कि सफदर वहां इस्लामिक आतंकवादियों को आर्म ट्रेनिंग दे रहा था। इसके साथ ही उसका एक ट्रेनिंग कैंप इंदौर के पास टूरिस्ट प्लेस चोरल में भी पाया गया था।
सफदर के उज्जैन से जुड़े होने के कारण उसने पूरे मालवा-निमाड़ बेल्ट में अपने फॉलोअर्स खड़े कर लिए हैं। इन्होंने शाहीन नामक वुमन विंग भी तैयार की है। इन्हीं फॉलोआर्स से अब सिंहस्थ में खतरा बढ़ गया है।