VIDEO STORY : मालवा उत्सव में राजस्थान के घूमर, भवाई और निमाड़ के पनिहारी मटकी नृत्य की धूम
इंदौर. मालवा उत्सव में बुधवार शाम राजस्थान और मालवा-निमाड़ की संस्कृति छाई रही। शुरुआत राजस्थान के लंगा गायकों ने की। उन्होंने जैसे ही केसरिया बालम पधारो म्हारे देस… गाया तो लोगों की भीड़ मंच के आसपास जुटने लगी। लंगा गायकों ने निम्बूड़ा-निम्बूड़ा और दमादम मस्त कलंदर भी गाया। इसके बाद राजस्थानी लोक नृत्यों का सिलसिला शुरू हुआ।
राजस्थान के भवाई कलाकारों ने सिर पर घड़े रख कर पैरों के नीचे गिलास, थाली और तलवार की धार पर नृत्य कर दर्शकों को आश्चर्यचकित किया। गिलास पर थाली और उस पर खड़े होकर नृत्य करते हुए उनका संतुलन गजब का था। भवाई के बाद राजस्थान का ही घूमर नृत्य आया जो राजस्थानी रजवाड़ों के दरबार से लेकर वैवाहिक अवसरों पर किया जाता है। घूमर में घूमती नर्तकियों की गति और मुद्राएं सुंदर दृश्य बन रही थीं। कई दर्शक वीडियो बना रहे थे।
पनिहारी और मटकी मालवा-निमाड़ की संस्कृति को झलकाने वाले पनिहारी नृत्य में पानी भरने जाते समय महिलाओं की आपसी बातचीत को गीतों के बोल में ढाला गया, जिसमें कुछ पनिहारिन पानी न भरने के लिए बहाना भी करती हैं। मटकी नृत्य में नर्तकियों ने रंगबिरंगे छातों के साथ नृत्य किया।
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