‘हमसे मजदूरी करवाती है वार्डन’… कहते-कहते बेहोश हो गई सात छात्राएं
इंदौर/देपालपुर. देपालपुर में स्थित राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान बालिका छात्रावास की छात्राओं ने सोमवार को वार्डन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वार्डन को हटाए जाने की मांग को लेकर 70 से अधिक छात्राएं परिजन के साथ कलेक्टोरेट पहुंचीं और एडीएम अजयदेव शर्मा को ज्ञापन सौंपा। कलेक्टोरेट के मुख्य द्वार पर परिजन के साथ छात्राओं ने धरना-प्रदर्शन कर उग्र नारेबाजी की।
इस दौरान सात छात्राएं बेहोश होकर जमीन पर गिर गईं, जिन्हें एडीएम ने तत्काल एसडीएम शालिनी श्रीवास्तव के वाहन और एंबुलेंस 108 से एमवाय अस्पताल भिजवाया, जहां उनका उपचार चल रहा है। देपालपुर के एससीएसटी कन्या छात्रावास में 105 छात्राएं हैं। 12वीं तक के इस आवासीय छात्रावास की छात्राओं ने वार्डन प्रतिभा पांडे पर प्रताडऩा का आरोप लगाते हुए कहा कि वे छात्राओं को जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी करती हैं। स्कूल के खेल मैदान पर फसल उगाई जा रही है। छात्राओं को निर्माण कार्य में मजूदरी कराए जाने को मजबूर करती हैं। यहां तक कि खाना भी खुद छात्राओं को बनाना पड़ता है।
बंधक बनाती हैं छात्राओं ने अखिल भारतीय बलाई समाज के बैनर तले एडीएम शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए वार्डन को तत्काल हटाए जाने की मांग रखी। परिजन का आरोप है, वार्डन छात्राओं को बंधक तक बना लेती हैं। एेसा ही वाकया सोमवार को हुआ, परिजन पहुंचे तो मामले का खुलासा हुआ। वे छात्राओं को लेकर कलेक्टोरेट आए।
जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला आदिम जाति कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग दोनों ही उक्त छात्रावास को लेकर पल्ला झाड़ते नजर आए। आदिम जाति कल्याण विभाग की संयुक्त संचालिका मोहिनी श्रीवास्तव ने कहा कि छात्रावास शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। वहीं डीपीसी अक्षय सिंह राठौर ने कहा, छात्रावास आदिम जाति कल्याण विभाग का है। उन्हें मामले में कोई जानकारी नहीं है। वार्डन प्रतिभा पांडे से लगातार बात करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
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