कोरोना काल में किसान तीन माह से जमीन के दस्तावेज तैयार कराने के लिए परेशान हो रहे थे। राजस्व न्यायालय में सुगम, सुलभ और तुरंत न्याय देने के लिए राजस्व विभाग ने अभियान चलाने के निर्देश दिए। अब पटवारी को गांव-गांव जाकर नामांतरण व बंटवारे के आवेदन लेना होंगे। आवेदन लेने के बाद उसे आरसीएमएस में दर्ज करना होगा। इस पर तहसीलदार सुनवाई करेंगे। आवश्यकता पड़ी तो किसानों को बुलाया भी जाएगा, लेकिन चक्कर नहीं खिलाए जाएंगे। निर्धारित समय पर आदेश देना होगा। काम होने के बाद पटवारी को किसानों के घर दस्तावेज देने भी जाना होगा।
पंचायत में भी आवेदन पटवारी के अलावा किसान पंचायत सचिव को भी आवेदन दे सकते हैं। उन्हें भी एकत्र करके आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज करना होगा। किसान चाहें तो लोक सेवा केंद्र या एमपीऑनलाइन में सीधे भी आवेदन कर सकते है।
समयसीमा है तय आवेदन आने के बाद निर्धारित समय में काम कर तीन दिन में आदेश किया जाना है। अविवादित नामांतरण 30 दिन में, विवादित नामांतरण 180 दिन और अविवादित बंटवारा 90 दिन में करना होगा। ये आवेदन 8 जून से 22 जून तक लिए जाएंगे। प्रकरणों के आदेश के पूर्व तक की सभी कार्रवाई पूर्ण करना व नोटिस, सुनवाई, स्थल निरीक्षण 29 जुलाई तक करना है।
पटवारी संघ नाराज पटवारी संघ अध्यक्ष उपेंद्रसिंह बघेल का कहना है कि सभी जगहों पर कोरोना महामारी में ड्यूटी लगी है। सबसे पहले ड्यूटी समाप्त कराएं। कोरोना महामारी में पटवारी को घर-घर भेजना खतरे से खाली नहीं है। पहले ही प्रदेश में कुछ जगहों पर पटवारी महामारी से ग्रसित हो चुके हैं।