BREAKING : 8 साल के बच्चे ने इस बीमारी से गवाई जान, इन लक्षणों को आप मत करना अनदेखा – VIDEO
देवास/ इंदौर. देवास जिले स्थित खातेगांव के गांव जामनेर में एक 8 वर्षीय बच्चे की तेज बुखार के कारण मौत हो गई। बालक शुक्रवार से गंभीर बीमार था जिसके चलते रविवार की सुबह उसे एमवाय अस्तपाल इंदौर लाया गया था यहां डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज भी शुरू कर दिया था लेकिन बच्चे की पिता की तबीयत खराब होने से वे भी किसी अन्य अस्पताल में भर्ती थे जिसके चलते परिजन बच्चे को लेकर चलेगए। हालांकि आशंका जताई जा रही हैं कि बच्चे को चमकी बुखार था लेकिन एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने पुष्टि करते हुए कहा कि बच्चे को चमकी बुखार नहीं था न ही उसमें ऐसे कोई लक्षण देखे गए है इसलिए ये कहना सही नहीं हैं कि उसकी मौत चमकी बुखार के चलते हुई है।
परिजनों ने बच्चे को पहले मामूली बुखार समझा, लेकिन जब बालक की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो उसे पहले एक झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया फिर भी आराम नहीं पड़ा तो परिजन बच्चे को खातेगांव के सरकारी अस्पताल में ले गए। यहां बालक की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने हरदा के लिए रैफर कर दिया। इसके बाद रविवार की सुबह एमवाय अस्पताल इंदौर लाया गया लेकिन बच्चे ने यहां दम तोड़ दिया।
चमकी बुखार के थे लक्षण बालक को शुक्रवार रात से ही बुखार के साथ उल्टियां शुरू हो गई थी। शनिवार सुबह परिजन बालक को खातेगांव सरकारी अस्पताल लेकर आए लेकिन तब तक बच्च लगभग बेहोशी की हालत में पहुंच गया था। हरदा जिला चिकित्सालय में बालक की गंभीर हालत को देखते हुए उसे किसी निजी चिकित्सालय में जाने की सलाह दी गई। परिजन ने बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए हरदा के निजी हॉस्पिटल में दिखाया। बच्चे के लक्षण देखते हुए डॉक्टर्स को यह चमकी बुखार लग रहा था। बच्चे की खून की जांचे करवाई गई। जिसमें प्लेटलेट्स कफी कम मात्रा में थे।
गरीबी बनी वजह कुछ घ्ंाटे इलाज करने के बाद वेंटिलेटर और जरूरी अन्य मशीनों की सुविधा नहीं होने के कारण यहां भी डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर इंदौर ले जाने की सलाह दी। खातेगांव से जिला अस्पताल और वहां से पल्स हॉस्पिटल तक सरकारी एम्बुलेंस ने छोड़ दिया था। परिजन के पास बच्चे का निजी अस्पताल में इलाज कराने के बाद पैसा भी खत्म हो गया था, इस कारण उसे वापस जामनेर लेकर आ गए और घर पर ही गीली पट्टी रखकर उसके बुखार उतारने की कोशिश करने लगे। कुछ जागरूक लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो फिर बच्चे के परिजन से संपर्क किया व इंदौर इंदौर एमवाय अस्पताल भिजवाया। शनिवार रात 8.15 बजे इंदौर पहुचने के बाद बच्चे को वहां एडमिट कर इलाज शुरू हो गया है। अभी बच्चे की हालत गंभीर थी लेकिन सुबह होते-होते बच्चे ने दम तोड़ दिया।
चमकी बुखार के ये लक्ष्ण दिखे असलम में – बेहोशी आना – अचानक तेज बुखार आना – जी मिचलाना और उल्टी होना – बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस होना – मिर्गी जैसे झटके आना चमकी बुखार कोई लक्षण नहीं देखे गए
बच्चे को मामा लेकर अस्पताल आए थे बच्चा बहुत गंभीर बीमार था इसलिए हमने उन्हें भर्ती करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने कहा बच्चे के पिता किसी अन्य अस्पताल में भर्ती है तो हमें वहां जाना है। हमने कहा भी बच्चे की रास्ते में ही मृत्यु भी हो सकती है लेकिन वे ले गए। उनका कहना था कि कहीं बच्चे को चमकी बीमारी तो नहीं लेकिन हमने जांच कर मना कर दिया क्योंकि बच्चे को चमकी बुखार नहीं था न ही बच्चे में इस बुखार के कोई लक्षण नहीं देखे गए है।
डॉ. पीएस ठाकुर, अधीक्षक, एमवाय अस्पताल इंदौरमशीनें हमारे पास उपलब्ध नहीं बच्चे के शुरुआती लक्षण चमकी बुखार जैसे ही दिख रहे थे, लेकिन हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते। बच्चे की हालत बहुत क्रिटिकल थी। ऐसे केस के लिए जरुरी मशीने हमारे पास उपलब्ध नहीं थी। इसलिए हमने प्रारम्भिक इलाज कर मरीज को इंदौर ले जाने की सलाह दी थी।
-डॉ. पवन सोमानी, पल्स हॉस्पिटल, हरदा सीएमएचओ इंदौर और देवास के तहत् एक टीम तैयार कर ली गई। बच्चे की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद विभाग की टीम गांव का सर्वेक्षण करने पहुंचेगी। स्वास्थ्य आयुक्त को एक सामान्य सलाहकार जारी करने के लिए भी कहा
टीम करेंगी गांव का सर्वे स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य आयुक्त ने सीएमएचओ इंदौर और देवास के तहत एक टीम तैयार की है। वे अधिक मामलों की पहचान करने के लिए उस गांव का सर्वे करेंगे। इसके लिए स्वास्थ्य आयुक्त को बचाव के तरीके जारी करने के लिए भी कहा है ताकि लोग जागरूक हों।