आयुष मंत्रालय भारत सरकार के साइंटिफिक एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य डॉ. एके द्विवेदी ने बताया कि आयुष मंत्रालय लगातार वैकल्पिक चिकित्सा को प्रचारित कर रहा है। जिसके चलते लोग बड़ी संख्या में होम्योपैथी जैसी पद्धति से इलाज करा रहे हैं। होम्यौपैथी को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है। इसी के तहत इंदौर के कलेक्टर कार्यालय व ईएसआईएस विभाग में होम्योपैथी क्लिनिक शुरूकिए जा चुके हैं। धार रोड पर जिला अस्पताल में आयुष विंग शुरू की गई है। इसमें होम्योपैथी से उपचार किया जाएगा। जेलों में भी कैदियों का होम्योपैथी से इलाज किया जाएगा। हर माह के तीसरे शनिवार को शिविर लगाकार मरीजों को राहत पंहुचाई जा रही थी, लेकिन अब विभाग यहां नियमित क्लिनिक खोलेगा। रेलवे एवं एयरफोर्स में भी होम्योपैथी विंग स्थापित की गई है। होम्योपैथी को लेकर धारणा है कि इससे केवल छोटी बीमारियों का इलाज किया जाता है जबकि होम्योपैथी से असाध्य व जटिल रोगों का इलाज आसानी से और बगैर किसी तकलीफ के किया जा सकता है। कैंसर जैसी बीमारी में होम्योपैथी की दवाएं काफी कारगर हैं। एलोपैथी में कीमोथैरेपी और रेडियो थैरेपी के साइड इफेक्ट्स होते हैं, लेकिन होम्योपैथी में मरीज के शरीर को तकलीफ नहीं होती है। इसी तरह प्रोस्टेट, प्लास्टिक एनीमिया, एवीएन, अस्थमा. आर्थराइटिस आदि के मामलों में भी ऑपरेशन या सर्जरी की सलाह दी जाती है, जबकि होम्योपैथी से बगैर ऑपरेशन इन बीमारियों को ठीक किया जा सकता है ।