जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र सिंह की युगल पीठ ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार सहित प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा विभाग के डायरेक्टर को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब देने के आदेश दिए हैं। याचिका के माध्यम से मांग की गई है कि मालवा-निमाड़ सहित प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों और डिस्पेंसरी में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए। सहयोगी स्टाफ की कमी को भी नई भर्तियां कर खत्म किया जाए। कई अस्पतालों में मरीजों को लाने-ले जाने के लिए एम्बुलेंस तक नहीं हैं, उनकी सुविधाएं तत्काल दी जाए। एक्सरे, सिटी स्कैन, एआरआई, सोनोग्राफी सहित मरीजों की जांच की अन्य और अनिवार्य सुविधाएं जिन अस्पतालों में नहीं है वहां मुहैया कराई जाए। भविष्य शर्मा ने एडवोकेट मनीष विजयवर्गीय के माध्यम से यह याचिका दायर की है।
विजयवर्गीय ने बताया कि 28 दिसंबर को पत्रिका में मालवा निमाड़ के सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा को लेकर खबरें प्रकाशित की थी, इसके अलावा 29 सितंबर को इंदौर के एमवाय अस्पताल में ह्रदय रोगों की नाकाफी सुविधाओं को लकेर खबर प्रकाशित की गई थी। उन्हीं खबरों के आधार बनाकर जनहित याचिका दायर की है। हमने याचिका में यह भी मांग की है कि जो नए डॉक्टर बन रहे हैं उन्हें अनिवार्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में प्रैक्टिस के लिए भेजा जाए।