यह है मामला 31 अक्टूबर 2017 को क्राइम ब्रांच ने मांगलिया स्थित इंदौर दूध संघ के ब्रांड सांची के दूध में मिलावट पकड़ी थी। प्लांट में दूध सप्लाय करने वाले टैंकरों में मिलावट की जा रही थी। इस गंभीर मामले को लेकर प्रमोद द्विवेदी ने एडवोकेट मनीष यादव के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। बताया गया कि आरोपित दूध में सोडियम क्लोराइड मिला रहे थे। याचिका में कहा गया कि सांची के दूध की गुणवत्ता पर भरोसा कर लोग इसे अपने बच्चों को पिलाते हैं, लेकिन इसकी जांच की ही नियमित व्यवस्था नहीं है। जवाब में शासन ने स्वीकारा कि दूध के टैंकर में मिलावट हो रही थी। जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी की है। प्रदेश में सांची के छह से 194 सैंपल लिए गए। तीन सैंपल में गड़बड़ी मिली थी, जिस पर 30 हजार पेनल्टी भी लगाई थी।