must read :
पार्षद अंसाफ अंसारी सहित 10 को हाई कोर्ट से मिली जमानत, ये मिली थी सजा विधायक दत्तीगांव की ओर से सीनियर एडवोकेट सुनील जैन ने पैरवी की। उनका कहना था कि चुनाव याचिका लगाने के लिए 45 दिन की अवधि तय है, लेकिन यह याचिका 143 दिन बाद लगाई गई। अत: देरी के आधार पर इसे खारिज किया जाए। याचिकाकर्ता ने देरी का कारण आवश्यक दस्तावेज जुटाना बताया गया। दोनों पक्ष के तर्क सुन कोर्ट ने देरी के आधार पर याचिका खारिज कर दी।
must read :
छात्र को कॉलेज से बाहर करने का नोटिस, हाई कोर्ट ने दिए ये आदेश याचिका में ये लगाए थे आरोप याचिका में राजवर्धन सिंह द्वारा नामांकन पत्र में गलत और अधूरी जानकारी देने तथा आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए निर्वाचन शून्य करने की मांग की थी। आरोप था कि दत्तीगांव के नामांकन फार्म में 70 से अधिक कॉलम खाली छोड़ेथे, शपथ-पत्र के साथ स्टाम्प नहीं लगाया था। दत्तीगांव के अलावा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के खिलाफ भी याचिका हाई कोर्ट में विचाराधीन है।