इसके लिए खुद की निगरानी में तैयारी करा रही थीं। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी १८वें दिन भी ठप रही। सीइटी सहित अन्य कई बड़े प्रकरणों पर फैसला अटका है। पहली पेनल राजभवन से खारिज होने के बाद शासन ने प्रशासनिक अफसरों के नाम आगे बढ़ाए हैं मगर राजभवन से बुधवार को भी इन पर सहमति नहीं बनी। दोनों के बीच सामंजस्य नहीं बनने से यूनिवर्सिटी की साख दांव पर लगी है, जबकि कुलाधिपति और उच्च शिक्षा मंत्री दोनों डीएवीवी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना मकसद बताते हैं। इसी साल जनवरी में दीक्षांत समारोह में दोनों ने इसका जिक्र किया था। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा था, इस यूनिवर्सिटी में मैंने आंदोलन भी किए और शिक्षकों का प्यार भी मुझे मिला। अब डीएवीवी को आदर्श यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलवाना मेरा दायत्वि है। इसके साथ अंतरराष्ट्रीय पीठ लाने के भी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने मंच से डीएवीवी को परिभाषित करते हुए कहा था, डी से डायनामिक, ए से अकाउंटेबल, वी से विजनरी और जहां ये तीन होंगे वहां विक्ट्री तो मिल ही जाएगी।
नैक के लिए और मेहनत का लक्ष्य कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए यूनिवर्सिटी को नैक से ए प्लस ग्रेड लाने का लक्ष्य देते हुए और मेहनत करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, मेरी आशा है, इस बार और अच्छा प्रदर्शन देखने को मिलेगा। वे अपनी निगरानी में तैयारी करा रही थीं। कई बार तत्कालीन कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ और अधिकारी ने उन्हें प्रेजेंटेशन दिखाए।
एबीवीपी ने मांगा शिक्षा मंत्री का इस्तीफा कुलपति नहीं मिलने से हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लगने से छात्र संगठन मैदान में उतर आए हैं। बुधवार को एबीवीपी ने डीएवीवी पहुंचकर प्रदर्शन किया और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के इस्तीफे की मांग की। आयुष वाजपेयी और करण मूलचंदानी ने कहा, मंत्री की नासमझी से प्रदेश की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी इतने बुरे दौर से गुजर रही है। एबीवीपी उग्र प्रदर्शन करेगी।