हनीट्रैप : पूर्व मंत्री, बड़े राजनेता आइएएस अफसरों के साथ बनाए वीडियो, एक आइएएस के साथ का वीडियो वायरल
-इंदौर नगर निगम अधीक्षण यंत्री को हनीट्रैप में फंसाने वाली आरोपियों से पूछताछ -प्रेमी ड्राइवर के साथ वीडियो वायरल होने के बाद युवती ने बनाया गिरोह -3 साल से कई रसूखदारों से संबंध बनाकर बनवा रही वीडियो
हनीट्रैप : पूर्व मंत्री, बड़े राजनेता आइएएस अफसरों के साथ बनाए वीडियो, एक आइएएस के साथ का वीडियो वायरल
इंदौर. नगर निगम अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह को ब्लैकमेल करने के मामले में इंदौर में पकड़ी गई मुख्य आरोपी के कई अफसरों से नजदीकी संबंध की बात सामने आ रही है। इन महिलाओं ने पूर्व मंत्री, बड़े राजनेता और कई आइएएस अफसरों के साथ वीडियो बनाने की जानकारी दी है, हालांकि अफसर इस मामले में फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे है।
जानकारी के मुताबिक हनीट्रैप गैंग की प्रमुख आरती दयाल के साथ भोपाल के वरिष्ठ आइएएस अफसर का आपत्तिजनक वीडियो वायरल भी हुआ था, जिसमें उन्हें पद से हटाया दिया गया था। बताया जा रहा है, उक्त वीडियो में भी यही युवती है और इसी ने वीडियो बनाया था। अब देखा जा रहा है, उक्त अफसर को तो युवती ने ब्लैकमेल कर लाखों रुपए नहीं वसूले? हालांकि आरोपी ने इनकार किया है।
कई रसूखदारों को बनाया शिकार आरोपी आरती दयाल, श्वेता जैन आदि से पुलिस ने पूछताछ की। आरती ने बताया, करीब 3 साल से रसूखदारों से संबंध बनाकर वीडियो बनवा रही है। पिछले दिनों जिस आइएएस का वीडियो वायरल हुआ था, उनसे भी लाखों रुपए वसूलने की बात सामने आ रही है। एक आरोपी युवती का प्रेमी ड्राइवर के साथ भी वीडियो वायरल हुआ है। उसके बाद वह इस काम में उतरी और अन्य साथी महिलाओं को शामिल किया। ये अफसर-नेताओं से दोस्ती के बाद संबंध बनाकर ट्रैप करती थीं।
इस तरह किया हनीट्रैप निगम अफसर युवतियों से मुलाकात के दौरान अपनी पकड़ के दावे करते थे। गिरोह को लगा कि बड़े-बड़े प्रोजेक्ट की बागडोर अफसर के हाथ में है और बड़ी कमाई होती होगी। इस कारण से अफसर को हनीट्रैप किया।
1) मुख्य सरगना महिला पहले रसूखदार व बड़े ओहदे वाले अफसरों से संपर्क साधती। खुद को सरकारी ठेकेदार बताकर काम के बहाने दोस्ती करती। 2) पहले फोन फिर वॉट्सऐप के जरिए बात बढ़ाते और निजी व अंतरंग बातें की जाती। जैसे ही अफसर या जाल में फंसा व्यक्ति भी बात करने में रुचि दिखाता तो उसे मिलने के लिए दबाव बनाया जाता।
3) छोटी मुलाकातों के दौरान भी अंतरंग बातें कर उसे अपने जाल में फंसाया जाता 4) होटल में मिलने के दौरान उसके साथ अंतरंग पल बिताते। इसी दौरान कही स्पॉय कैमरे से तो कहीं खुद ही मोबाइल लेकर वीडियो बना लिया जाता।
5) कुछ दिन तक मिलने व वीडियो बनाने का सिलसिला जारी रहता। बाद में वीडियो को वॉट्सऐप पर भेज देते। वीडियो को देख लेने के तुरंत बाद इसे डिलीट कर देते। 6) इन वीडियो को दिखाकर ब्लैकमेलिंग शुरू की जाती। जैसा अफसर या प्रभावी व्यक्ति होता, उस हिसाब से रुपए की डिमांड की जाती।
ठेकों की जांच कर रही पुलिस आरोपी आरती व साथी युवतियों से पूछताछ में देखा जा रहा है, अफसर से कोई बड़ा ठेका हासिल करना या अन्य काम निकलवाना तो उद्देश्य नहीं था? भोपाल की एनजीओ संचालिका श्वेता जैन के एनजीओ के पास कहां-कहां ठेके हैं, इसकी जांच की जा रही है। उसके भाई के पास इंदौर में कुछ ठेके होना सामने आया है। पुलिस ने आरती को पकड़ा तो उसकी साथियों को भनक नहीं लगने दी। सभी से फोन पर बात कराई और आश्वस्त किया कि पैसा आरती को मिल गया है। आरती को पुलिस ने समझौते का झांसा दिया, जिससे उसने साथियों की भूमिका बताई।
किस धारा में कितनी सजा 419 (धोखाधड़ी): 03 साल सजा। 420 (धोखाधड़ी): 07 साल की सजा। 384 (वसूली) : तीन साल की सजा । 506 (धमकी) : दो साल की सजा। 120 बी (षड्यंत्र): 6 माह कैद।
कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा बरखा का पति अमित सोनी कांग्रेस आइटी सेल में उपाध्यक्ष रहा है। बरखा से पूछताछ में खुलासा हुआ लेकिन अफसरों ने पुष्टि नहीं की। गिरोह में अमित का नाम आने पर कांग्रेस ने कहा, आइटी विभाग अध्यक्ष अभय तिवारी ने उसे 15 जून को सभी पदों से हटा दिया था।
बिना सिम के फोन का उपयोग आरती ने मोनिका की मदद से वीडियो बनाया। आरोपी बिना सिम का मोबाइल रखती है। अफसर से होटल में मिलने बुलाया तो मोनिका के साथ वह वहां पहले ही पहुंच गई। कमरे में मोबाइल प्लांट कर आपत्तिजनक वीडियो बनाया। एसएसपी का कहना है, वीडियो बनाने में स्पाय कैमरे की जांच की जा रही है।
पति पर दहेज प्रताडऩा का केस दर्ज कराकर भोपाल शिफ्ट हो गई थी आरती हनीट्रैप में गिरफ्तार आरती दयाल मूलत: छतरपुर की रहने वाली है। 8 माह पहले उसने पति पंकज दयाल पर दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाते हुए सिविल लाइन थाने में केस दर्ज कराया था। इसके बाद ही वह भोपाल शिफ्ट हो गई थी। आरती की गिरफ्तारी को लेकर गुरुवार को दिनभर छतरपुर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। आरती दयाल ने यहां दर्जन लोगों को हनीट्रैप का शिकार बनाया। इनमें कारोबारी, रियल एस्टेट से जुडे़ लोग, उद्यमी, नेता व अफसर शामिल हैं। गिरोह की महिलाओं की मदद के आरोपों के बीच एटीएस व पुलिस ने भोपाल के 3 मीडियाकर्मियों से भी पूछताछ की। उन्हें हिरासत में लेने की बात कही जा रही है, लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि भी नहीं की।
Home / Indore / हनीट्रैप : पूर्व मंत्री, बड़े राजनेता आइएएस अफसरों के साथ बनाए वीडियो, एक आइएएस के साथ का वीडियो वायरल