इसके विपरीत मजदूरों की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट धीरज सिंह पंवार का कहना था, सरकार का तर्क गलत है, हुकमचंद मिल की जमीन नगर निगम की ही है। म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट १९०९, १९५४ और १९५६ के प्रावधान के अनुसार होलकर स्टेट खत्म होने के बाद शहरी सीमा की सभी ओपन लैंड नगर निगम के पास ही रजिस्टर्ड थी। पंवार ने कोर्ट के समहज होलकर स्टेट की १०१ साल पुरानी १९१७ की एक आदेश की प्रति पेश की है, जिसमें यह लिखा था कि शहरी सीमा की सभी खुली जमीन निगम को ट्रांसफर की गई थी, इस आदेश के तहत हुकमचंद मिल की करीब ४३ एकड़ जमीन भी निगम को दी गई थी। परिसमापक की ओर से सीनियर एडवोकेट विनय सराफ सहित कोटक महिंद्रा, एसबीआई, आईडीबीआई और आईएफसी बैंक की ओर से भी जमीन निगम की होने के पक्ष में तर्क रखे हैं।
मजदूरों को जमीन नहीं, पैसा चाहिए
गुरुवार को सुनवाई में अपने पक्ष में फैसला आने की आस में दर्जनों मजदूर कोर्ट परिसर पहुंचे थे। चार घंटे तक सिर्फ जमीन के मालिकाना हक पर सुनवाई चली। मजदूर संघ से जुड़े नरेंद्र श्रीवंश और धीरज पालीवाल का कहना था, हुकमचंद मिली की जमीन सरकार की है या नगर निगम की इससे मजदूरों को कोई लेना-देना नहीं है। हमारी मांग है कि जो १५० करोड़ रुपए बकाया है वह मजदूरों को मिल जाए। मालिकाना हक की लड़ाई जिसे लडऩा है वो लड़े मजदूरों को बस उनका पैसा दिया जाए। यदि कोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला आया तो जमीन की नीलामी की प्रक्रिया फिर अटक जाएगी। ५८०० से अधिक मजदूरों को पैसे मिलना थे जिसमें करीब १८०० की मौत हो गई है। २५ साल से अधिक समय बीत गया है। अब मजदूरो को उनके हक का पैसा मिल जाना चाहिए।
गुरुवार को सुनवाई में अपने पक्ष में फैसला आने की आस में दर्जनों मजदूर कोर्ट परिसर पहुंचे थे। चार घंटे तक सिर्फ जमीन के मालिकाना हक पर सुनवाई चली। मजदूर संघ से जुड़े नरेंद्र श्रीवंश और धीरज पालीवाल का कहना था, हुकमचंद मिली की जमीन सरकार की है या नगर निगम की इससे मजदूरों को कोई लेना-देना नहीं है। हमारी मांग है कि जो १५० करोड़ रुपए बकाया है वह मजदूरों को मिल जाए। मालिकाना हक की लड़ाई जिसे लडऩा है वो लड़े मजदूरों को बस उनका पैसा दिया जाए। यदि कोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला आया तो जमीन की नीलामी की प्रक्रिया फिर अटक जाएगी। ५८०० से अधिक मजदूरों को पैसे मिलना थे जिसमें करीब १८०० की मौत हो गई है। २५ साल से अधिक समय बीत गया है। अब मजदूरो को उनके हक का पैसा मिल जाना चाहिए।