ये अनुमति अब मुफ्त में नहीं मिल रही है। एसडीएम इसको जारी करने के एवज में अब एक से लेकर पांच हजार रुपए तक ले रहे हैं। वे अनुमति देने से पहले आयोजकों से रेडक्रास की रसीद कटवा रहे हैं। हाल ही में मल्हारगंज एसडीएम श्रीलेखा श्रोत्रिय के यहां अहिरवार जाटव समाज ने छत्रीबाग में कलश यात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी। 19 फरवरी को संत रविदास की जयंति पर वह कलश यात्रा निकालना चाहता है। वैसे ही समाज सक्षम नहीं है फिर भी अनुमति को रोक दिया गया। लेने पहुंचे आयोजकों से हजार रुपए की रसीद कटवाने के निर्देश दिए गए। चंदा कर आयोजन होने की जानकारी दी गई तब भी नहीं सुनी गई। आखिर में समाज के लोगों ने पैसा इक_ा करके जमा कराया तब जाकर अनुमति दी गई। इसी प्रकार सभी एसडीएम बगैर रेडक्रास की रसीद कटाए अनुमति जारी नहीं कर रहे।
अब तक लेते थे जमीन वालों से
गौरतलब है कि रेडक्रास का फंड इक_ा करने के लिए सभी अफसरों को लक्ष्य दिया गया है। इक_ा होने वाले पैसे का उपयोग गरीबों के इलाज में लगाया जाता है। वर्षो से ये फंड जमीन का डायवर्शन कराने वाले, कॉलोनी की विकास अनुमति लेने वाले, ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कराने वाले और बंदूक का लायसेंस लेने वालों से इक_ा किया जाता रहा है। लाखों रुपए की रसीद काटी जाती है, लेकिन पहली बार आम जनता से आयोजन की अनुमति के नाम पर पैसा लिया जा रहा है।
गौरतलब है कि रेडक्रास का फंड इक_ा करने के लिए सभी अफसरों को लक्ष्य दिया गया है। इक_ा होने वाले पैसे का उपयोग गरीबों के इलाज में लगाया जाता है। वर्षो से ये फंड जमीन का डायवर्शन कराने वाले, कॉलोनी की विकास अनुमति लेने वाले, ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कराने वाले और बंदूक का लायसेंस लेने वालों से इक_ा किया जाता रहा है। लाखों रुपए की रसीद काटी जाती है, लेकिन पहली बार आम जनता से आयोजन की अनुमति के नाम पर पैसा लिया जा रहा है।