चैरिटी कानून विशेषज्ञ सीए राकेश मित्तल ने यह बात आइसीएआइ इंदौर शाखा के सेमीनार में एफसीआरए अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए कही। शहर के सीए को चैरिटेबल ट्रस्ट व स्वैच्छिक संस्थाओं पर लागू होने वाले विभिन्न कानूनों के बारे में अवगत कराते हुए उन्होंने कहा, पहले यह अधिनियम केवल स्वैच्छिक संस्थाओं पर लागू होता था, लेकिन 2010 में नया कानून आने के बाद इसमें व्यक्ति व हिंदू अविभाजित परिवारों को भी शामिल किया है। मित्तल ने बताया, भारत में हर साल करीब 18 से 20 हजार करोड़ रुपए स्वैच्छिक संस्थाओं को विदेशी सहायता के रूप में प्राप्त होते हैं, जिसकी निगरानी केंद्र सरकार एफसीआरए अधिनियम के माध्यम से करती है। इसके प्रावधानों में जरा सी चूक भारी जुर्माने का कारण बन सकती है।
चैरिटी संस्थाओं के इनकम टैक्स संबंधी प्रावधानों की जानकारी सीए प्रणय गोयल ने दी। उन्होंने संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन, आयकर छूट, रिटन्र्स आदि के बारे में बताते हुए हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का भी उल्लेख किया। सेमिनार की अध्यक्षता वरिष्ठ सीए केवी सुब्रमण्यम ने की। अतिथि स्वागत इंदौर शाखा के अध्यक्ष सीए पंकज शाह ने किया।