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इंदौर

ठेकेदार, अफसर व माफिया के गठजोड़ से पनपा अवैध शराब का कारोबार

लगातार शिकायतों लेकिन नहीं होती कार्रवाई, हंगामा होने पर कर देते है खानापूर्ति

इंदौरAug 02, 2021 / 11:36 pm

प्रमोद मिश्रा

ठेकेदार, अफसर व माफिया के गठजोड़ से पनपा अवैध शराब का कारोबार

ठेकेदार, अफसर व माफिया के गठजोड़ से पनपा अवैध शराब का कारोबार

इंदौर. शराब दुकान व अहातों पर कब्जे के लिए हुए गोलीकांड व बार में अवैध व नकली शराब बिकने के मामले ने अवैध शराब के बड़े कारोबार की पोल खोलकर रख दी है। ताजे मामले से साफ है कि सिंडीकेट से जुड़े कथित ठेकेदार, अफसर व माफिया के गठजोड़ से कारोबार पनप रहा, हालांकि जिम्मेदार इस तथ्य को मान नहीं रहे है।
नकली शराब कांड ने साफ कर दिया है कि बाहरी जिलों से जमकर शराब आ रही है। खंडवा के साथ ही पीथमपुर, धार भी अवैध शराब का अड्डा बन गया है। 4 जुलाई को ही किशनगंज पुलिस ने संदिग्ध ब्रांड की नकली शराब बनाने में 9 लोगों को पकड़ा था। एसपी पश्चिम महेशचंद्र जैन के मुताबिक, आरोपी पीथमपुर में शराब बनाकर बेचते थे। हालांकि इसके बाद भी पुलिस ने बड़ा अभियान नहीं चलाया।

ठेकेदार से जुड़े लोग
बार में अवैध शराब खरीदी के मामले में एसपी महेशचंद्र जैन, एएसपी, सीएसपी ने आरोपियों से पूछताछ की। बार संचालकों की पूछताछ से पता चला कि कई बार इलाके का ठेकेदार भी अवैध रूप से शराब उपलब्ध करा देता है। लाइसेंसी दुकान में घाटा होने का बहाना कर वह अवैध शराब बेचता है और आबकारी विभाग चुप्पी साध लेता है। नियमानुसार अफसरों को बार व शराब दुकानों का स्टॉक नियमित चेक करना होता है लेकिन ऐसा नहीं करते हुए ठेकेदारों का साथ देते है। यह भी पता चला कि घाटा होने की स्थिति में ठेकेदार खुद ही अपने एजेंटों से इलाके में अवैध रूप से शराब बिकवारकर कमाई करते है, कई बार जिले के बाहर भी सप्लाय करते है। एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे के मुताबिक, शराबकांड मेें ठेकेदारों की भूमिका की जांच के लिए परमिट की जानकारी मांगी गई है।
अफसर भी संदिग्ध
एक परमिट पर निकले दो ट्रक, आबकारी अफसर पर केस दर्ज कर पीछे हुई पुलिस
राऊ पुलिस ने करीब दो साल पहले शराब के गोदाम पर चेकिंग की थी। एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे की टीम ने शराब से भरे ट्रक को पकड़ा। ट्रक गोदाम से निकला था,पुलिस टीम गोदाम पर पहुंची तो वहां उसी ट्रक के परमिट पर दूसरा शराब से भरा ट्रक रवाना किया जा रहा था। पुलिस ने तस्करी का आरोप लगाकर ट्रक चालक, ठेकेदार व गोदाम के प्रभारी आबकारी अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। आरोप था कि आबकारी अधिकारी की सांठगांठ से अवैध रूप से शराब भेजी जा रही थी। पुलिस की कार्रवाई का तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त नरेंद्र चौबे ने विरोध किया था। गलत फंसाने का आरोप लगाने से अफसर आमने सामने हो गए और आखिरकार पुलिस को केस से आबकारी अधिकारी का नाम हटाना पड़ा। डॉ. चौबे ने माना कि अन्य आरोपियों के खिलाफ चालान पेश हुआ लेकिन आबकारी अधिकारी का नाम केस से हट गया था। अवैध शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले स्प्रीट के बाजार में उपलब्ध होने के पीछे भी अफसरों का हाथ माना जाता है लेकिन कभी कार्रवाई नहीं हुई।
माफिया व गैंगस्टर
10 महीने के लिए इंदौर जिले के शराब का ठेका 980 करोड़ में गया है, प्रदेश के ठेकों की करीब 12 प्रतिशत कमाई इंदौर से होती है इसलिए आबकारी हो या फिर पुलिस या फिर प्रशासन, सभी चुप्पी साधे बैठे रहते है। कमाई को ध्यान में रखते हुए ठेकेदारों को संरक्षण देते है और ठेकेदार इतनी बड़ी राशि जमा करने के एवज में माफिया, गैंगस्टर को अपने कारोबार में शामिल कर लेते है। गोलीकांड में गैंगस्टर सतीश भाऊ, चिंटू ठाकुर-हेमू ठाकुर के शामिल होने से यह गठजोड़ सामने आ गया है। पुलिस व आबकारी को ठेकेदार-माफिया के गठजोड़ की जानकारी थी लेकिन सभी हाथ पर हाथ रख बैठे हुए थे।
तीन तरह का शराब कारोबार
कारोबारियों व प्रशासन के बीच तीन तरह की शराब का खेल इस समय चर्चा में है।
एक नंबर: इसमें लाइसेंसी शराब कारोबार को शामिल किया है।
दो नंबर: इसमें ठेकेदार द्वारा ही ज्यादा कमाई के लिए शराब दूसरे जिले में बिकवाकर ज्यादा कमाई की जाती है।
तीन नंबर: यह है शराब का सबसे बड़ा खेल। ठेकेदार, बदमाश व अफसर मिलकर अवैध शराब की बिक्री करवाते है। एजेंटों के माध्यम से बिक्री होती है। गोलीकांड में शामिल एके सिंह, पिंटू भाटिया का नाम इसमें जुड़ता रहा है। बाणगंगा इलाका अभी अवैध शराब का गढ़ बन गया है। नकली शराब व गोलीकांड में पकड़ाए अधिकांश आरोपी इसी इलाके के है।
सभी जिले मिलकर करेंगे अवैध शराब पर कार्रवाई
अवैध शराब के कारोबार पर पुलिस की नजर है। एक जिले से दूसरे जिले में शराब पहुंचाई जा रही है जिसके कारण अब सभी जिले मिलकर काम करेंगे। इस मुद्दे पर हाल ही में इंदौर-उज्जैन रेंज के सभी पुलिस अफसरों की बैठक हो चुकी है। अवैध शराब की तस्करी करने वालों पर रासुका लगेगी, अवैध संपत्ति पर बुलडोजर भी चलेगा।
हरिनारायणाचारी मिश्रा, आइजी।
अलर्ट है पूरा अमला, सीमाओं पर बढ़ाई चौकसी
अवैध शराब के मसले पर विभाग अलर्ट है। गलत काम में ठेकेदार की लिप्तता सामने आएगी तो उस पर भी कार्रवाई करेंगे, जो लापरवाही करेगा उसे सजा भी मिलेगी। ताजे मामले को देखते हुए निरंतर शराब दुकानें, बार की चेकिंग की जा रही है। सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ा दी है।
राजनारायण सोनी, सहायक आबकारी आयुक्त।
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