जिला शिक्षा अधिकारी शर्मा ने शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए शांता स्वामी भार्गव, प्राचार्य उमावि नंदानगर, मनोज खोपकर, नूतन उमावि क्रमांक २ और शंशिकांत गुबरेले, प्राचार्य सिमरोल की एक टीम बनाई है। यह टीम दोपहर बाद डीईओ कार्यालय में बैठेगी और आरटीई का प्रचार-प्रसार संबंधित
काम देखेगी। आरटीई की जानकारी लेने आने पालकों से भी यह टीम मिलेगी और प्रवेश संबंधित जानकारी देगी। इसके अलावा आरटीई में अभी तक हुए एडमिशन का आंकलन भी करेगी।
दी जा सकती थी दूसरों को जिम्मेदारी इस टीम में सिमरोल उमावि के प्राचार्य शशिकांत गुबरेले का नाम भी शामिल किया गया है। गुबरेले को अपने स्कूल का समय पूरा करने के बाद ३० किमी दूर सिमरोल से इंदौर आना होगा, जबकि इंदौर में दर्जनों प्राचार्य हैं जिन्हें यह जिम्मेदारी दी जाती तो आरटीई में बेहतर काम हो सकता था। ऐसा कर डीईओ शर्मा ने आरटीई की समित को ही कमजोर बना दिया है। मामले में डीईओ शर्मा अन्य प्राचार्यो को इस काम पर लगा सकते है।