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इंदौर

एक प्राचार्य ट्रिपल रोल में

अस्थमा से पीडि़त प्राचार्य को दे दी तीन जिम्मेदारी, एक अन्य प्राचार्य को ३० किमी दूर से आना होगा डीईओ कार्यालय
 

इंदौरApr 07, 2018 / 10:59 am

Sanjay Rajak

indore
इंदौर, न्यूज टुडे।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का प्रभार देख रहे सीके शर्मा ने एक आदेश जारी किया है। जिसमें तीन प्राचार्यों को आरटीई के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी दी है और स्कूल में अपनी ड्यूटी करने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बुलाया है। जिन प्राचार्यों को इस टीम में शामिल किया गया है, उनमें से एक बीमार है तो दूसरा शहर से ३० किमी दूर सिमरोल में पदस्थ है। एेसे में शिक्षा का अधिकार एक्ट एक बार फिर जिले में मजाक बनकर रह जाएगा। इन प्राचार्यों में मनोज खोपकर, प्राचार्य नूतन उमावि क्रमांक २ को एक साथ तीन जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जबकि ये कई वर्षों से अस्थमा की बीमारी से जूझ रहे हैं और कई बार स्कूल परिसर में ही अस्थमा अटैक आ चुका है। खोपकर प्राचार्य होने के साथ आरटीई समिति में भी होंगे। साथ ही ये सहायक संचालक का पद भी संभालेंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी शर्मा ने शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए शांता स्वामी भार्गव, प्राचार्य उमावि नंदानगर, मनोज खोपकर, नूतन उमावि क्रमांक २ और शंशिकांत गुबरेले, प्राचार्य सिमरोल की एक टीम बनाई है। यह टीम दोपहर बाद डीईओ कार्यालय में बैठेगी और आरटीई का प्रचार-प्रसार संबंधित काम देखेगी। आरटीई की जानकारी लेने आने पालकों से भी यह टीम मिलेगी और प्रवेश संबंधित जानकारी देगी। इसके अलावा आरटीई में अभी तक हुए एडमिशन का आंकलन भी करेगी।
दी जा सकती थी दूसरों को जिम्मेदारी

इस टीम में सिमरोल उमावि के प्राचार्य शशिकांत गुबरेले का नाम भी शामिल किया गया है। गुबरेले को अपने स्कूल का समय पूरा करने के बाद ३० किमी दूर सिमरोल से इंदौर आना होगा, जबकि इंदौर में दर्जनों प्राचार्य हैं जिन्हें यह जिम्मेदारी दी जाती तो आरटीई में बेहतर काम हो सकता था। ऐसा कर डीईओ शर्मा ने आरटीई की समित को ही कमजोर बना दिया है। मामले में डीईओ शर्मा अन्य प्राचार्यो को इस काम पर लगा सकते है।

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