पिछले छह साल में 30 लाख से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदने, म्यूच्यूअल फंड में 10 लाख से ज्यादा निवेश, सेविंग खाते में 10 लाख से ज्यादा जमा करने वालों में से कई करदाताओं को डेटा माइनिंग और सिस्टम आधारित इंफोर्मेशन पर नोटिस जारी किए गए हैं। इंदौर सीए शाखा के चेयरमैन सीए शाह ने बताया कि इतने पुराने वर्षों के नोटिस देने की वजह से लोगों को बहुत समस्या है क्योंकि उन वर्षों के आर्थिक व्यहवार का डाटा आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। ये नोटिस 1 अप्रैल 2011 के बाद किए गए आर्थिक व्यवहार के संबंध में हैं। जो लोग नियमित रीटर्न फाइल नहीं करते लेकिन, बैंक में लेन-देन करते है उन्हें भी नोटिस मिले है। इस कार्रवाई का उ²ेश्य करदाता का आधार बढ़ाना है।
तुरंत लें विधिक सलाह सीए गिरीश अग्रवाल ने बताया कि किसी भी करदाता को अगर धारा 148 का नोटिस प्राप्त हो तो उसे हलके में न ले। इस पर तुरंत विधिक सलाह ले नहीं तो कठोर परिणाम हो सकते हैं। नोटिस मिलने के तीस दिनों के भीतर अपने आर्थिक व्यवहार को दोबारा देखकर आय विवरणी दाखिल करनी होती है। ऐसा न करने पर पेनल्टी भी लगाई जा सकती है। आयकर अधिनियम में नोटिस के पालन मेंविवरणी दाखिल नहीं करने पर प्रॉसिक्यूशन शुरू करने के भी प्रावधान है।