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इंदौर

कामचोरी रोकने के लिए जीपीएस घड़ी पहनाई तो शुरू किया विरोध

सफाई कर्मचारियों ने पहले अंगूठे से हाजिरी पर जताई थी नाराजी, वाल्मीकि समाज के धर्मगुरु का विरोध और मुख्यमंत्री तक पहुंच गया मामला

इंदौरOct 04, 2018 / 10:44 am

Uttam Rathore

Indore Municipal Corporation

कामचोरी रोकने के लिए जीपीएस घड़ी पहनाई तो शुरू किया विरोध

इंदौर.
नगर निगम सफाईकर्मियों के हाथ में जीपीएस वाली घड़ी बांध रही है, ताकि उनकी लोकेशन पता की जा सके, वहीं नौकरी से गायब रहने वाले कर्मचारियों पर अंकुश लग सके, पर कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा और इसका विरोध कर रहे हैं। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है।
वाल्मीकि समाज के धर्मगुरु उमेश नाथ ने सीएम के सामने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि क्या निगम को सफाईकर्मियों पर भरोसा नहीं रहा? जिन्होंने इंदौर को देश में दो बार स्वच्छता में नंबर वन बनाया, उनके काम पर सवाल उठाना ठीक नहीं। उन्होंने सफाईकर्मियों को वर्दी के साथ पहनाई जाने वाली जैकेट पर छपे झाड़ू और डस्टबिन के लोगो को लेकर भी आपत्ति जताई। भोपाल में हुए वाल्मीकि महाकुंभ के दौरान धर्मगुरु उमेशनाथ ने मुख्यमंत्री के सामने जीपीएस वाली घड़ी सहित अन्य मुद्दों को रखा और समय रहते निराकरण करने का कहा।
राजनीति शुरू, विधानसभा चुनाव में पांच टिकट भी मांगे
महिला सफाईकर्मियों से रात में काम लेने को लेकर उमेशनाथ ने उन निगम अफसरों को घेर दिया, जिनका यह प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि इन अफसरों के घर की महिलाएं भी रात में सफाई के लिए निकलें। वाल्मीकि समाज की महिलाएं रात में भी काम करने से नहीं डरती है, लेकिन ऊपर के अधिकारी यानी दरोगा और मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक (सीएसआई) भी महिलाएं ही हों। इसके अलावा उन्होंने कर्मचारियों का विनियमितिकरण करने के बजाय नियमित करने की बात कही। विधानसभा चुनाव में वाल्मीकि समाज के लिए पांच टिकट की मांग भी सीएम के सामने रख दी।
गायब रहने वाले कर्मचारियों पर शिकंजा
कई सफाई कामगार काम से गायब रहने के बाद पकड़े जाने पर बहानेबाजी करते हैं। इसके साथ ही सफाई काम से जुड़े कई अफसर फील्ड में मौजूद नहीं होने पर भी फील्ड में रहने की झूठी बात कहते हैं। इसके चलते सफाईकर्मियों से लेकर अफसरों के हाथों पर जीपीएस वाली घडिय़ां बांधी गईं हैं। घडिय़ों में लगा जीपीएस मेन सिस्टम से कंट्रोल रहेगा और फील्ड में मौजूद अफसर से लेकर सफाईकर्मियों की असल लोकेशन ना केवल पता लग जाएगी, बल्कि उनकी हाजरी भी दर्ज हो जाएगी।

अभी केवल एक ही वार्ड में
निगम ने जीपीएस वाली घड़ी फिलहाल सिर्फ वार्ड ४८ के ७० से ज्यादा कर्मचारियों के हाथों में बांधी है। आगे अन्य वार्डों के कर्मचारियों के हाथ में भी बांधने की तैयारी है, लेकिन थंब मशीन यानी बॉयोमैट्रिक के जरिए हाजरी लेने की तरह घड़ी का भी विरोध शुरू हो गया है।
ndore sweeper
सफाई कर्मचारी नेताओं ने भी खोला मोर्चा
अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष शिव घावरी, संयोजक अशोक चावरे, उपाध्यक्ष चौधरी बबलु सोनवाल, चौधरी राजू सोनवाल, मनोहर गोहर, महेश सिरसिया ने भी जीपीएस घड़ी का विरोध करने के साथ निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ये लोग वाल्मीकि समाज की विभिन्न बस्तियों में जाकर निगम द्वारा दी जा रही जीपीएस घड़ी की जानकारी दे कर बता रहे हैं कि इसके पहनने से कैसे आप बंधुआ मजदूर बन जाएंगे। निगम में कार्यरत लगभग सभी सफाईकर्मी महिलाएं एव पुरुष कम पड़े लिखे हैं। वे नहीं जानते हैं कि घड़ी को पहनने पर उनकी निजता समाप्त हो जाएगी और उन पर कैसे पहरा लगेगा। इसकी जानकारी घर-घर जाकर दी जा रही है। इन्होंने कहा कि निगम में सफाई कामगर यूनियनों के कई नेता और उनसे जुड़े लोग आज भी घर बैठे बिना काम के वेतन ले रहे हैं। महापौर और आयुक्त पहले इनको जीपीएस घड़ी पहनाएं।

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