प्रदेश में संगठित माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की बात करें तो इसकी शुरुआत जीतू सोनी से हुई है जो एक अखबार का मालिक था। अखबार की आड़ में जीतू लोगों को ब्लैकमेल कर अरबों रुपये की संपत्ति बना लिया था। सीएम का ऑर्डर मिलते ही प्रशासन की टीम ने एक सप्ताह के अंदर ही उसके सम्राज्य को नेस्तनाबुद कर दिया। सोनी के बाद कांग्रेस नेता अफसर पटेल के खजराना स्थित अवैध कॉलोनी को निगम की टीम ने ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई के बाद प्रशासन की टीम ने संदेश दे दिया है कि अब माफियागिरी इंदौर में नहीं चलेगी।
इसके साथ ही इंदौर को माफिया मुक्त बनाने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन की टीम वैसे लोगों की सूची भी तैयार कर सकती है जो संगठित रूप से अवैध कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। सीएम का कहना है कि ऐसे लोगों की शिकायत हम तक पहुंचती है। जीतू सोनी मामले की शिकायत भी सीएम तक पहुंची थी। बताया जाता है कि इंदौर शहर में कई तरह के संगठित अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। जिसे आमलोग पीड़ित हैं। लेकिन इसमें संलिप्त लोगों की दबंगई के कारण लोग विरोध नहीं कर पाते।
ऐसे लोगों को किया जा रहा चिह्नित
हर शहर में भू-माफियाओं का एक अलग गैंग होता है। जो जबरन जमीन पर कब्जे करता है। विवादित जमीनों का मसला सुलझाने के नाम पर भी लाखों की वसूली करते है। ऐसे लोगों प्रशासन चिह्नित कर रही है। जीतू सोनी भी ऐसा करता था। चिटफंड चलाने वाले लोग, ब्लैकमेलिंग करने वाले लोग, मिलावटखोर, अवैध खनन में शामिल लोग, नशे का कारोबार करने वाले लोग, सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले लोग, निगम की इजाजत के बिना अवैध कॉलोनियों का निर्माण करने वाले, अवैध बसों का संचालन करने वाले लोग, अवैध शराब के कारोबारी लोग, अपहरण कर फिरौती वसूलने वाले और सहकारी संस्थाओं के नाम से जमीनों पर कब्जा करने वाले लोगों की सूची प्रशासन तैयार कर रही है।
दो दिनों में तैयार होगी कुंडली
सीएम के आदेश के बाद ही इंदौर के अधिकारी एक्शन में आ गए हैं। अब शहर में संगठित अपराध करने वाले लोगों की कुंडली प्रशासन दो दिनों के अंदर तैयार करेगी। उसके बाद सिलसिलेवार तरीके से उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी। सीएम के निर्देश के बाद संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने अधिकारियों की बैठक ली। अफसरों को बताया कि जीतू सोनी पर कार्रवाई के अच्छे परिणाम मिले हैं। जनता में पुलिस-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। इस बैठक में ग्यारह क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। जिनसे जुड़े लोगों पर कार्रवाई की जानी है।
पुलिस-प्रशासन के बीच में जो शुरुआती विचार के बाद ग्यारह क्षेत्र फाइंड आउट किए गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से सहकारिता के क्षेत्र में बॉबी छाबड़ा, टाउनशिप के क्षेत्र में चंपू अजमेरा, चिराग शाह। मिलावटखोरी में नकली घी माफिया दिनेश शाहू। ड्रग माफिया में चंदन नगर, मूसाखेड़ी, खजराना क्षेत्र के नामी अपराधी, माइनिंह के क्षेत्र में महू-पीथमपुर, उज्जैन रोड पर रेवती रेंज की खदानें। यात्री परिवहन में शुक्ला ब्रदर्स और एमएसटी समूह आदि है।