नगर निगम चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले पीडब्ल्यूडी ने गाड़ी अड्डा आरओबी के काम का भूमिपूजन किया था। काम का ठेका गुजरात की महेंद्र पटेल एंड कंपनी को दिया गया। कंपनी ने काम तेज गति से शुरू किया, लेकिन नौलखा वाली भुजा बनाने के बाद धीमा पड़ गया। पहले भुजा का दूसरा हिस्सा रावजी बाजार के लाल मंदिर तरफ उतरना था, लेकिन वैध मकानों के टूटने की वजह से योजना बदल दी गई। आखिर में जबरन कॉलोनी कब्रिस्तान की ओर का नक्शा स्वीकृत किया गया। इसमें तीन सौ से अधिक बाधाएं थीं। जैसे-तैसे अतिक्रमण हटाया गया और ठेकेदार कंपनी को साइट दी गई। कार्रवाई को सालभर हो चुका है, इसमें कंपनी ने रेलवे क्रॉसिंग से उतार तक का बड़ा हिस्सा बना दिया है। कुछ हिस्से पर स्लैब डालना बाकी है। ये काम १० जनवरी तक पूरा हो जाएगा। कंपनी का दावा है कि ३१ मार्च तक उनका काम खत्म हो जाएगा, क्योंकि नौलखा वाला हिस्सा बनकर तैयार है। हालांकि रेलवे वाले हिस्से की वजह से मुश्किल आ रही है। रेलवे ने पिलर तो खड़े कर दिए, लेकिन गर्डर तैयार नहीं की। इसके बाद डलने वाली स्लैब तो दूर की बात है।
ब्रिज के नीचे वाले हिस्से में सर्विस रोड बनाई जाना है। नौलखा वाले हिस्से में सडक़ बन गई है, लेकिन जबरन कॉलोनी में काम करने की जगह नहीं मिल पा रही है। कंपनी ने तय किया है कि जहां तक जगह मिलेगी, सडक़ बना दी जाएगी। हालांकि लगातार पीडब्ल्यूडी से साइट क्लीयर करने की मांग की जा रही है।
गौरतलब है कि गाड़ी अड्डा की तीसरी भुजा को मंजूरी दे दी गई है। विभाग ने टेंडर भी कर दिए हैं। इसके लिए १५० से अधिक बाधक मकान व गोदाम को हटाना पड़ेगा। टेंडर स्वीकृत होते ही प्रशासन की तरफ से सभी को नोटिस जारी किया जाएगा।
31 मार्च तक कर देंगे
हम अपना काम 31 मार्च तक पूरा कर देंगे। बात रही सर्विस रोड की, तो जितनी साइट क्लीयर मिलेगी, उतनी बना देंगे। हम लगातार विभाग को बाधाएं हटाने का बोल रहे हंै। रेलवे के मामले में हम नहीं बोल सकते, कि वे कब अपना काम पूरा करेंगे।
जगदीश पटेल, सुपरवाइजर, ठेकेदार कंपनी