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इंदौर

सफाईकर्मी ने जेवर गिरवी रख पढ़ाया, बेटी को मिली एक करोड़ की स्कॉलरशिप, जाएगी स्कॉटलैंड

सफाईकर्मी ने अपने जेवर गिरवी रख पढ़ाया, बेटी को मिली एक करोड़ की स्कॉलरशिप, जाएगी स्कॉटलैंड

इंदौरMay 10, 2019 / 01:42 pm

हुसैन अली

beti

सफाईकर्मी ने जेवर गिरवी रख पढ़ाया, बेटी को मिली एक करोड़ की स्कॉलरशिप, जाएगी स्कॉटलैंड

इंदौर. शहर की एक महिला सफाईकर्मियों नूतन घावरी की बेटी रोहिणी को प्रदेश सरकार के अनुसूचित जनजाति विभाग ने एक करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप दी है। मार्केटिंग में एमबीए कर चुकी रोहिणी अब पीएचडी के लिए स्कॉटलैंड जाएंगी। रोहिणी की मां नूतन कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल में सफाईकर्मी हैं। बड़ी बात यह है कि उसकी पढ़ाई के मां ने अपना सोना गिरवी रख दिया था।
शहर की सोमनाथ महाराज जूनी चाल से सटी बस्ती न्यू विकास नगर में वाल्मीकि समाज के लोग रहते हैं। इस बस्ती में ग्रेजुएट लड़कियों की संख्या न के बराबर है। 60 नंबर के मकान में रहने वाली रोहिणी ने फॉरेन ट्रेड की पढ़ाई बीबीए से की और उसके बाद एमबीए मार्केटिंग में किया। अब रोहिणी एडिनबर्ग (स्कॉटलैंड) के विश्वविद्यालय ये अपनी पीएचडी कर सकेगी।
समाज में जाते तो मिलते थे ताने

रोहिणी की मां नूतन बताती हैं कि जब हम समाज के किसी कार्यक्रम में जाते थे तो ताने मिलते थे कि लडक़ी कितनी बड़ी हो गई है, शादी कब करोगे। ज्यादा देर करोगी तो अच्छा घर नहीं मिलेगा। मैं दस साल तक रोहिणी को अपने साथ ही ड्यूटी पर ले जाती थी, लेकिन उसका मन तो पढ़ाई-लिखाई में ही लगता था। उसने आगे पढऩे की इच्छा जताई तो हम भी मना नहीं कर पाए। अपना सोना गिरवी रखकर उसे पढ़ाया जो आज भी गिरवी रखा हुआ है। अब जब स्कॉलरशिप मिली तो लोग ही अपने बच्चों को कहने लगे कि दिल लगाकर पढ़ो-लिखो। रोहिणी की तरह विदेश जाने का मौका मिलेगा।
वाल्मीकि समाज ने किया रोहिणी का सम्मान

सफलता मिलने पर वॉल्मीकि समाज ने रोहिणी का सम्मान किया। पिता एसके घावरी बताते हैं कि बेटी की पढ़ाई में रुचि बचपन से ही थी। केंद्रीय विद्यालय में हमेशा पहले नंबर पर पास हुई। हमने उससे कह दिया था कि तुम खूब पढ़ो, समाज की चिंता मत करो। मायावती को अपना आदर्श मानने वाली रोहिणी ने अपने कमरे में बाबा भीमराव आंबेडकर का चित्र लगा रखा है।
दलित समाज की लड़कियों में जगाना है शिक्षा की अलख

रोहिणी कहती है कि मैं कॉलेज या जरूरी काम के लिए ही बाहर निकलती थी। मेरा पूरा फोकस हमेशा पढ़ाई पर ही रहा है। मेरा विषय ग्रीन मार्केटिंग है। मेरा लक्ष्य अर्जुन की तरह मछली की आंख पर रहा है। अपने फोन से ग्रुप डिस्कशन करती हूं। मैं खासकर दलित समाज की लड़कियों में उच्च शिक्षा के लिए अलख जगाना चाहती हूं।
वॉलीबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी

रोहिणी वालीबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी भी हैं। उसकी दो बहनें- कोमल, अश्विनी, एक भाई हर्ष है। कोमल नीट क्वालिफाई हैं। अश्विनी 12वीं में है और वह भी स्टेट लेवल की वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं। भाई हर्ष नेशलन अंडर 14 बास्केटबॉल टीम का कप्तान है।

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